बदायूं जिले में भारतीय जनता पार्टी बेघर है, मतलब पार्टी के पास कार्यालय तक नहीं है, इसीलिए भाजपा इस जिले में जिलाध्यक्ष के अधीन हो जाती है, क्योंकि जिस गुट का जिलाध्यक्ष बन जाता है, उसके घर पर अन्य गुटों के कार्यकर्ता जाना बंद कर देते हैं। जिले में भाजपा के गर्त में जाने के पीछे कार्यालय न होना भी एक बड़ा कारण बताया जाता है।
बदायूं जिले में भाजपा का इतिहास रहा है कि जो जिलाध्यक्ष होता है, उसका ही घर अघोषित रूप से कार्यालय मान लिया जाता है। मासिक बैठकें जिलाध्यक्ष के घर पर होती रही हैं। सौ से अधिक लोग जमा होने का कोई कार्यक्रम हो, तो धर्मशाला में आयोजन होता रहा है। प्रांतीय स्तर के पदाधिकारी के आने पर प्रेस वार्ता, बैठक आदि जिलाध्यक्ष के घर पर ही होती रही है, जिससे जिलाध्यक्ष से वैचारिक मतभेद रखने वाले कार्यकर्ता पार्टी से ही दूर होते चले जाते हैं।
महेश चन्द्र गुप्ता भी जिलाध्यक्ष रहे हैं, उनके कार्यकाल में कार्यालय बनाने का प्रयास किया गया था। नगर पालिका परिषद ने जमीन भी उपलब्ध कराई थी, लेकिन अधिकांश जिलाध्यक्ष पार्टी के हित में कार्य करने वाले नहीं रहे हैं, सो कार्यालय नहीं बन पाया। राजीव कुमार सिंह “बब्बू” दातागंज में रहते थे, उनके कार्यकाल में तो भाजपा और भी पीछे चली गई। प्रेम स्वरूप पाठक का इंद्रा चौक के पास आवास है, उनके कार्यकाल में भाजपा से संबंधित समस्त गतिविधियाँ उनके ही आवास से चलाई जाती रही, उनके बाद हरीश शाक्य को दायित्व मिला, तो वे बैठकों के लिए प्रेम स्वरूप पाठक पर ही निर्भर हैं और उनके आवास से ही भाजपा को संचालित करते हैं, जिससे वैचारिक मतभेद रखने वाले कार्यकर्ता अब तक सिर्फ जिलाध्यक्ष के कारण दूरी बनाते थे, लेकिन अब हरीश शाक्य के साथ प्रेम स्वरूप पाठक से मतभेद रखने वाले भी दूरी बनाये हुए हैं, जिससे भाजपा को दोगुना नुकसान हो रहा है। भाजपा रूपी घोड़े पर सवार होकर तमाम लोग बहुत आगे निकल गये और लक्ष्य मिलते ही उन्होंने दाना-पानी दिए बिना भाजपा रुपी घोड़े को अपने हाल पर छोड़ दिया, जिससे बदायूं जिले में भाजपा का उत्थान नहीं हो सका।
शायद, भाजपा की इस कमजोरी को बड़े पदाधिकारियों ने समझा, या व्यक्ति विशेष के आवास पर जाने को लेकर पदाधिकारियों ने पहले ही आपत्ति जता दी होगी, या किसी ने आयोजक बनने से मना कर दिया होगा। कारण जो भी रहा हो, पर आज भाजपा की बैठक व्यक्ति विशेष के आवास पर आयोजित नहीं की गई। इससे भी बड़ी चौंकाने वाली बात यह है कि बैठक किसी धर्मशाला में नहीं, बल्कि होटल एलए में आयोजित की गई। भाजपा में अचानक आया इतना बड़ा परिवर्तन चर्चा का विषय बना हुआ है।
खैर, अब तक भाजपा का हाल जो भी रहा हो। नये युवा जिलाध्यक्ष हरीश शाक्य से अधिकांश कार्यकर्ता आशा कर रहे हैं कि वे भाजपा को स्थाई घर दिलायेंगे। हालाँकि अब केंद्रीय नेतृत्व ने ही कार्यालय बनाने के निर्देश दे दिए हैं और नेतृत्व धन भी मुहैया कराने जा रहा है, पर इस ओर स्थानीय नेता अब भी गंभीर नजर नहीं आ रहे हैं।
भाजपा की आज हुई बैठक के बारे में बताया जा रहा है कि ब्रज क्षेत्र के अध्यक्ष बी. एल. वर्मा, महामंत्री भवानी सिंह और जिला प्रभारी महाराज सिंह ने मिशन- 2017 को जीतने के गुर देते हुए जमीन पर कड़ी मेहनत करने के निर्देश दिए, साथ ही आगामी कार्यक्रमों को लेकर नीति बनाई। बैठक में पूर्व राज्यमंत्री भगवान सिंह शाक्य, पूर्व विधायक महेश चन्द्र गुप्ता, दातागंज क्षेत्र से टिकट के सशक्त दावेदार राजीव कुमार गुप्ता, पूर्व एमएलसी जितेन्द्र यादव और दीपमाला गोयल सहित तमाम पदाधिकारी व टिकट के दावेदार उपस्थित रहे।
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