बदायूं लोकसभा क्षेत्र के लोकप्रिय युवा सांसद धर्मेन्द्र यादव ने लोकसभा में सरकार को आज फिर घेर लिया। सूखा को राष्ट्रीय आपदा घोषित न करने पर सवाल उठाते हुए उन्होंने सरकार को लानत दी।
लोकसभा में बोलते हुए सांसद ने कहा कि 1950-60 के दशक में हमारे नेता डॉ. राम मनोहर लोहिया जी ने कहा था कि जब तक देश की नदियों को नहीं जोड़ेंगे, तब तक सूखा, या बाढ़ का स्थाई निदान नहीं हो सकता है। उन्होंने अफसोस जाहिर करते हुए कहा कि आजादी के 68 साल बीतने के बाद भी इसके लिए कोई गंभीर प्रयास नहीं हुए हैं। उन्होंने कहा कि सूखा हो, या बाढ़, इन दोनों समस्याओं का दो तरह से समाधान हो सकता है। एक, स्थाई निराकरण के लिए प्रयास करना पड़ेगा और दूसरा, तात्कालिक प्रभावित लोगों को कैसे राहत पहुंचाई जाये, दोनों स्तर पर सरकार को काम करना होगा, चाहे प्रदेश सरकार हो, या केंद्र सरकार हो।
मंगलवार को लोकसभा में आक्रामक अंदाज में सांसद धर्मेन्द्र यादव ने झांसी में भेजी गई ट्रेन पर सरकार की आलोचना भी की। उन्होंने केंद्र सरकार से मांग करते हुए कहा उत्तर प्रदेश सरकार को राहत से संबंधित अवशेष धन दें, साथ ही कहा कि बुंदेलखंड की 24 पेयजल परियोजनाओं के लिए स्वीकृत करें। उन्होंने यूपी सरकार द्वारा मांगे गये 10 हजार टैंकरों का मुददा भी उठाया। उन्होंने सूखा ग्रस्त क्षेत्रों के किसानों का पूरा कर्ज माफ करने की मांग की।
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