समाजवादी पार्टी के नेता और उत्तर प्रदेश सरकार के वरिष्ठ मंत्री आजम खां विवादित बयान देने के लिए कुख्यात रहे हैं। आदर्श आचार संहिता लागू होने पर भी उनकी भाषा में सुधार नहीं होता, तभी लोकसभा चुनाव के दौरान चुनाव आयोग ने उनके बोलने पर ही प्रतिबन्ध लगा दिया था, लेकिन लगता है कि पिछली कार्रवाई से भी आजम खां ने सबक नहीं लिया। सपा के स्टार प्रचारक के रूप में आजम खां आज कल वही सब दोहरा रहे हैं, जिसे सुनने वाले असहज व आक्रोशित नजर आ रहे हैं।
बदायूं स्थित गाँधी ग्राउंड में रविवार को आजम खां ने ऐसे शब्दों का प्रयोग किया, जो समाज के हर वर्ग को असहज कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर उन्होंने उनकी पत्नी को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की, वहीं जामा मस्जिद के शाही इमाम सैय्यद अहमद बुखारी पर निंदनीय टिप्पणी की, वे उन्हें मैला खाने वाला दलाल तक कह गये, इस पर तमाम लोग आक्रोशित नजर आ रहे हैं।
लोगों का कहना है कि शाही इमाम के बारे में ऐसा नहीं बोलना चाहिए था। आलोचना और आरोप लगाने की भी एक सीमा होती है, जिसे पार नहीं करना चाहिए था, इससे पहले आजम खां शुरू के पांच मिनट उन लोगों पर झल्लाते रहे, जो सामने बैठे थे, इसके बाद काफी देर मोबाईल से वीडियो बनाने वाले एक युवक पर बरसते रहे।
उल्लेखनीय है कि लोकसभा चुनाव के दौरान आजम खां की भाषा इतनी बिगड़ गई थी कि चुनाव आयोग ने उनके बोलने पर ही प्रतिबंध लगा दिया था, लेकिन उन्होंने सबक नहीं लिया। आदर्श आचार संहिता लागू होने के बावजूद आजम खां लोकसभा चुनाव जैसी जहरीली बातें करते ही सुनाई दे रहे हैं, जिसका चुनाव आयोग ने संज्ञान ले लिया, तो उनके विरुद्ध कार्रवाई भी हो सकती है।
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