एक ओर व्यवस्थाओं को और बेहतर करने के प्रयास किये जा रहे हैं। उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने की दिशा में सरकार जुटी हुई है, वहीं व्यवस्थाओं में जुटे कर्मचारी खुलेआम लापरवाही करते नजर आ रहे हैं। बदायूं में डायल- 100 के अवसर पर कर्मचारियों की लापरवाही का नजारा देखने को मिला, इस दौरान प्रशासन के बड़े अफसर भी मौजूद थे, लेकिन लापरवाह कर्मचारियों से किसी ने कुछ नहीं कहा।
बदायूं के पुलिस परेड ग्राउंड में डायल- 100 के शुभारंभ पर आयोजित किये गये कार्यक्रम का संचालन पीडब्ल्यूडी के बाबू रविन्द्र मोहन सक्सेना और अध्यापक आकिल खां द्वारा किया गया, जबकि इन दोनों कर्मचारियों ने न छुट्टी ली थी और न ही किसी शीर्ष अफसर ने इन्हें कार्यालय स्थल छोड़ने का आदेश दिया था। अधिकांश अफसरों को तो यह पता ही नहीं है कि यह दोनों सरकारी कर्मचारी है, इसीलिए अफसर इन्हें उल्टा सम्मान देते नजर आते हैं।
सूत्रों का कहना है कि प्रांतीय खंड में तैनात बाबू रविन्द्र मोहन सक्सेना मांसाहारी और शराबी है, इस लत के कारण यह कहीं भी संचालन करने पहुंच जाता है। राजनैतिक कार्यक्रमों में इसलिए घुस जाता है कि नेताओं का नजदीकी होने का संदेश चला जाये और विभागीय अफसर इसकी कारगुजारियों को लेकर मौन रहें। सूत्र बताते हैं कि रविन्द्र आपराधिक किस्म के और भ्रष्ट प्रवृत्ति के लोगों का बड़े नेताओं के सामने मंच से बीच-बीच में गुणगान करता रहता है, जो बदले में इसे शराब और मांस मुहैया कराते रहते हैं। बाबू रविन्द्र के कार्यालय से गायब होने के बारे में प्रांतीय खंड के ईई एके वर्मा से पूछा गया, तो उन्होंने बताया कि रविन्द्र उनसे अनुमति लेकर नहीं गया है।
उधर मंच पर अव्यवस्था न हो, इसके लिए पुलिस तैनात की गई थी। पुलिस के जवानों ने तमाम बड़े नेताओं को मंच पर नहीं जाने दिया। ब्लॉक प्रमुख और जिला पंचायत सदस्यों को मंच पर नहीं चढ़ने दिया गया, ऐसे में दास कॉलेज का बाबू अक्षत अशेष मंच पर न सिर्फ चढ़ गया, बल्कि सांसद धर्मेन्द्र यादव के पास तक पहुंच गया, जिससे सामने बैठे जनप्रतिनिधियों के अंदर ग्लानी का भाव आना स्वाभाविक ही था।
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