पीड़ित पत्रकार का धरना जारी, प्रशासन बना मूक दर्शक

पीड़ित पत्रकार का धरना जारी, प्रशासन बना मूक दर्शक
पीड़ित पत्रकार शाजेब खान के साथ धरने पर बैठे पत्रकारगण।
पीड़ित पत्रकार शाजेब खान के साथ धरने पर बैठे पत्रकारगण।

बदायूं में शोषण के विरुद्ध चल रहा पत्रकारों का अनिश्चितकालीन धरना आज दूसरे दिन भी जारी रहा, जिसमें बड़ी संख्या में पत्रकारों ने भाग लिया। धरना स्थल पर पत्रकारों ने संकल्प दोहराया कि प्रशासन जब तक पत्रकारों की सुरक्षा की गारंटी और पीड़ित पत्रकार को न्याय नहीं देगा, तब तक धरना जारी रहेगा, साथ ही उग्र आंदोलन भी करेंगे।

उल्लेखनीय है कि बदायूं जिले में स्थित कस्बा सहसवान के नगर पालिका अध्यक्ष नूरुद्दीन ने जिला अस्पताल में कवरेज के दौरान पत्रकार शाजेब खान को धमकाया था, जिसकी लिखित और मौखिक जानकारी शाजेब ने पुलिस अफसरों को देते हुए सुरक्षा व मुकदमा दर्ज कराने की मांग की थी, लेकिन स्थानीय पुलिस ने शाजेब के प्रार्थना पत्र पर ध्यान तक नहीं दिया, जिससे दबंग पालिकाध्यक्ष का मनोबल और बढ़ गया। दहशत में पीड़ित पत्रकार घर तक नहीं जा पा रहा है, लेकिन पुलिस उसकी मदद करने को तैयार नहीं है।

प्रशासन की ओर से जब सभी दरवाजे बंद हो गये, तो शाजेब ने अनिश्चितकालीन धरने पर बैठने का निर्णय लिया, लेकिन 24 घंटे बीत जाने के बाद भी पुलिस ने दबंग पालिकाध्यक्ष के विरुद्ध मुकदमा दर्ज नहीं किया है। पीड़ित पत्रकार के साथ जिले भर के पत्रकार खड़े हो गये हैं। धरना स्थल पर आज दूसरे दिन आशु बंसल, भारत शर्मा, विशाल साहू, सोहन पाल साहू, धारम सिंह, संजय सिंह गौर, सुनील मिश्रा, चितरंजन, मो. नईम, शाह आलम, छबीले चौहान और विजय श्रीवास्तव सहित अन्य तमाम पत्रकार मौजूद रहे। यहाँ यह भी बता दें कि मुख्य सचिव आलोक रंजन ने कल ही गृह सचिव देवाशीष पांडा को निर्देश दिए थे कि पत्रकारों की समस्या न सुनने वाले अफसरों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करें, इसके बावजूद पुलिस पीड़ित पत्रकारों की नहीं सुन रही।

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