बदायूं सहित किसी भी जिले में पुनः तैनात होने के जिलाधिकारियों के न के बराबर उदाहरण हैं, उन्हीं में से एक हैं चन्द्र प्रकाश त्रिपाठी। प्रमोशन के बाद चन्द्र प्रकाश त्रिपाठी पहली बार बदायूं जिले के ही जिलाधिकारी बने थे। साधने में महारथ हासिल होने के कारण लंबे समय यहाँ रहे और फिर यहाँ से रामपुर के जिलाधिकारी बन कर चले गये, लेकिन रामपुर में सैद्धांतिक व्यक्ति वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री आजम खां को नहीं साध पाये, तो उन्होंने चन्द्र प्रकाश त्रिपाठी को हटवा दिया।
रामपुर से हटाने के बाद शासन ने चन्द्र प्रकाश त्रिपाठी को विशेष सचिव माध्यमिक शिक्षा एवं राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के परियोजना निदेशक के पद पर तैनात कर दिए, इस बीच बदायूं के जिलाधिकारी शंभूनाथ को एक माह के अवकाश पर जाना था, सो यहाँ नया जिलाधिकारी तैनात होना ही था। संयोग से कोई तेजतर्रार आईएएस तैनात हो जाता, तो कई लोगों के अनैतिक कार्यों पर रोक लग जाती। जिले में चल रही सरकारी धन की खुली लूट रुक जाती, जिससे लुटेरे घबरा गये और उन्होंने शासन स्तर पर सिफारिश कर पुनः चन्द्र प्रकाश त्रिपाठी को ही यहाँ तैनात करा लिया।
शासन ने 27 मार्च को आदेश किया था, लेकिन सूत्रों का कहना है कि चन्द्र प्रकाश त्रिपाठी किसी ज्योतिषी की राय पर आज कार्यभार ग्रहण करने पहुंचे। चन्द्र प्रकाश त्रिपाठी बेहद गदगद नजर आये, वहीं उनके चाहने वाले और अधिक चहकते दिखे, सो दोनों ने मिल कर कार्यभार ग्रहण करने के मौके को जश्न में बदल दिया। कार्यभार ग्रहण करने की औपचारिकता सेवक की तरह नहीं, बल्कि शहंशाह की तरह हुई। बैंड-बाजे की धुन पर थिरकते हुए लोगों के बीच प्रमोटिड जिलाधिकारी चन्द्र प्रकाश त्रिपाठी कलेक्ट्रेट स्थित कार्यालय पहुंचे, जहाँ उनके चाहने वालों ने उनकी जमकर जय-जयकार की। डीएम की पुनः तैनाती और बैंड-बाजे के साथ कार्यभार ग्रहण करने की नई परंपरा देख कर अधिकांश लोग स्तब्ध नजर आ रहे हैं और तरह-तरह की चर्चायें कर रहे हैं।
संबंधित खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें लिंक