उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने चुनाव की दृष्टि से अपनी फील्डिंग लगानी शुरू कर दी है, जिसके तहत आज 67 आईएएस अफसरों के तबादले किये गये हैं, इनमें लखीमपुर खीरी की चर्चित डीएम किंजल सिंह और बुलंदशहर की विवादित डीएम बी. चंद्रकला के साथ रामपुर से फजीहत के बाद हटाए गये चन्द्रकांत त्रिपाठी का भी नाम है। कई ऐसे अफसरों को जिलाधिकारी बनाया गया है, जिनकी छवि बेहद खराब है, लेकिन वे समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता के रूप में नजर आते हैं, जिससे उन्हें जिलों की अहम जिम्मेदारी दी गई है। चुनावी वर्ष में खराब छवि के अफसरों पर विश्वास जताना समाजवादी पार्टी को भारी भी पड़ सकता है, क्योंकि ऐसे अफसर आम जनता की बात गंभीरता से नहीं सुनते, साथ ही अपनी जेब भरने में लगे रहते हैं, ऐसे अफसर चुनाव के समय मदद भी नहीं कर पायेंगे, क्योंकि बहुत अधिक दबाव में कार्य करने वाले और चापलूस अफसर चुनाव के समय असमंजस की स्थिति से बचने के लिए स्वयं ही हटना पसंद करते हैं, साथ ही बदनाम होने के कारण आयोग भी हटा देता है। चुनावी साल में मुख्यमंत्री को अच्छी छवि के अनुभवी और कर्मठ अफसरों को वरीयता देनी चाहिए। यहाँ यह भी बता दें कि बदायूं में तैनात किये गये चन्द्र प्रकाश त्रिपाठी भाजपाई मानसिकता के अफसर हैं, लेकिन जुगाड़ में महारथ हासिल है, जिससे वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री आजम खां झांसे में फंस गये थे। खुश होकर वह अपने गृह जनपद रामपुर के विकास को ध्यान में रख कर चन्द्र प्रकाश त्रिपाठी को ले गये थे, पर उनके सामने सच आया, तो उन्होंने चन्द्र प्रकाश त्रिपाठी को वहां से हटवा दिया था।
उत्तर प्रदेश शासन द्वारा स्थानांतरित किये गये अफसरों की सूची निम्नलिखित है।
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