बदायूं जिले में योजनाबद्ध तरीके से किये गये खिरिया बाकरपुर के सनसनीखेज हत्याकांड में भाजपा विधायक धर्मेन्द्र कुमार शाक्य की संलिप्ता का खुलासा होने पर समाजवादी पार्टी सक्रिय हो गई है। सपा के जिलाध्यक्ष आशीष यादव ने जोरदार आक्रमण करते हुए कहा कि आरोप लगते ही विधायक को नैतिकता के आधार पर त्याग पत्र दे देना चाहिए था और जब उनमें नैतिकता नहीं बची है, तो मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री को तत्काल निर्णय लेना चाहिए।
गाँधी नगर स्थित समाजवादी पार्टी के कार्यालय पर पत्रकारों से बात करते हुए सपा जिलाध्यक्ष आशीष यादव ने कहा कि आपराधिक वारदातें होती हैं, उनमें पुलिस कार्रवाई करती है, लेकिन खिरिया बाकरपुर की वारदात इसलिए बड़ी है कि उसमें भाजपा विधायक संलिप्त हैं और उन्होंने घटना को अंजाम देने में हत्यारों का सिर्फ इसलिए सहयोग किया कि उसने अवैध तरीके से रूपये नहीं दिए। उन्होंने कहा कि संलिप्ता उजागर होते ही विधायक को नैतिकता के आधार पर त्याग पत्र दे देना चाहिए था, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया, इसलिए वे मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री से मांग करते हैं कि आरोपी विधायक को तत्काल पार्टी से निकालें, वरना समझा जायेगा कि अपराध को लेकर भाजपा और सरकार की नीयत साफ नहीं है।
महासचिव सुरेश पाल सिंह चौहान, सांसद के प्रतिनिधि अवधेश यादव, विपिन यादव, अशोक यादव और प्रभात अग्रवाल सहित अन्य तमाम सपा नेताओं की उपस्थिति में आशीष यादव ने पत्रकारों से कहा कि उनकी पार्टी पर विपक्षी अपराधियों को बढ़ावा देने का आरोप लगाते रहे हैं, इस आरोप में जरा भी सच्चाई होती, तो हमारे नेता और मुख्यमंत्री डायल- 100 जैसी क्रन्तिकारी सेवा शुरू नहीं करते। उन्होंने कहा कि जैसे मुख्यमंत्री योगी जी हैं, वैसे ही अखिलेश यादव थे, लेकिन जब वे कुर्सी पर थे, तब डायल- 100 मात्र 15 मिनट के अंदर पहुंच जाती थी और उनके हटते ही वही डायल- 100 दो घंटे में भी नहीं पहुंची, इससे नीयत पर सवाल उठना स्वाभाविक है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार की नीयत सही नहीं है, इसीलिए अभी तक कोई काम जमीन पर नहीं दिख रहा। अपराधों का ग्राफ निरंतर बढ़ रहा है। जिले भर में कोटेदारों से उगाही की जा रही है, जिसकी सरकार अपने स्तर से जांच करा सकती है। उन्होंने कहा कि खिरिया बाकरपुर की घटना में संलिप्ता को लेकर विधायक के विरुद्ध संबंधित धाराओं के अंतर्गत मुकदमा दर्ज हो एवं घटना की निष्पक्ष जाँच हो, वरना समाजवादी पार्टी आंदोलन करने को मजबूर हो जायेगी।
उल्लेखनीय है कि छः मई की सुबह कादरचौक थाना क्षेत्र के गाँव खिरिया बाकरपुर में एक पक्ष पर अचानक सशस्त्र लोगों ने हमला बोल दिया था, जिसमें दानवीर यादव की गोली लगने से मौके पर ही मौत हो गई थी एवं कई लोग घायल हुए थे। उक्त घटना को लेकर सनसनीखेज खुलासा तब हुआ, जब एक नामजद आरोपी का मोबाईल पीड़ित पक्ष को मिल गया। मोबाईल में सेव रिकॉर्डिंग सुनने पर खुलासा हुआ कि आरोपियों ने हत्याकांड को योजनाबद्ध तरीके से अंजाम दिया था। हमलावरों ने हथियार जुटाए, सूचनायें एकत्रित कीं, साथ ही भाजपा विधायक धर्मेन्द्र कुमार शाक्य के द्वारा पुलिस पर दबाव बनवाया, जिससे घटना के समय सूचना के बावजूद पुलिस मौके पर नहीं गई। पीड़ित के प्रार्थना पत्र पर उझानी क्षेत्र के सीओ को एसएसपी द्वारा जांच सौंप दी गयी है।
(गौतम संदेश की खबरों से अपडेट रहने के लिए एंड्राइड एप अपने मोबाईल में इन्स्टॉल कर सकते हैं एवं गौतम संदेश को फेसबुक और ट्वीटर पर भी फ़ॉलो कर सकते हैं)