बदायूं में बनवारी सिंह यादव का निधन होने के कारण समाजवादी पार्टी में जिलाध्यक्ष का पद रिक्त चल रहा है। कहने को बदायूं समाजवादी पार्टी का गढ़ रहा है, लेकिन जिलाध्यक्ष पद के दावेदारों पर नजर डालें, तो पिछली पीढ़ी में ओमकार सिंह यादव और युवा पीढ़ी में ब्रजेश यादव के अलावा दूर-दूर तक कोई नजर नहीं आता। व्यवहार, समझ और सक्रियता की दृष्टि से ओमकार सिंह यादव और ब्रजेश यादव ही समाजवादी पार्टी के संगठन को बचा सकते हैं, किसी और के हाथों में कमान गई, तो पार्टी जमीन से ही गायब हो सकती है।
बदायूं में समाजवादी पार्टी की रीढ़ बनवारी सिंह यादव ही थे, उनका 8 मार्च को निधन हो गया, उनके निधन से एमएलसी और जिलाध्यक्ष के पद रिक्त हो गये। एमएलसी का चुनाव तो आयोग के अनुसार होगा, लेकिन जिलाध्यक्ष पार्टी हाईकमान को चुनना है, पर अभी तक हाईकमान से कोई आदेश नहीं आया है। बात दावेदारी की करें, तो बनवारी सिंह यादव के बाद जिले में दूसरा स्थान ओमकार सिंह यादव का ही रहा है, उनके निधन के बाद उनका नंबर स्वतः पहला ही हो गया। सहसवान विधान सभा क्षेत्र से मुलायम सिंह यादव भी विधायक चुने जा चुके हैं, उस क्षेत्र से ओमकार सिंह यादव मोदी लहर में भी विधायक बन गये, साथ ही वे अखिलेश यादव के मंत्रिमंडल में राज्यमंत्री रहे हैं, इसके अलावा उम्र, अनुभव, स्वास्थ्य और सक्रियता के अनुसार भी सबसे सशक्त दावेदार वही कहे जा सकते हैं।
दूसरी व युवा पीढ़ी को नेतृत्व देने की बात की जाये, तो युवाओं में पहला नाम और अंतिम नाम सिर्फ ब्रजेश यादव का ही दिखाई देता है। इंजीनियर ब्रजेश यादव को राजनीति विरासत मिली है, वे ओमकार सिंह यादव के पुत्र हैं एवं दिवंगत बनवारी सिंह यादव के दामाद हैं। दस से ज्यादा वर्षों से पिता की कर्मभूमि पर कड़ी मेहनत कर रहे हैं और वर्तमान में जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष हैं। ओमकार सिंह यादव के व्यक्तित्व से निःसंदेह लोग प्रभावित हैं, लेकिन राज्यमंत्री बनने के बाद वे प्रदेश में व्यस्त हो गये, तो क्षेत्र को ब्रजेश यादव ने ही पूरी तरह संभाला, इस चुनाव में ओमकार सिंह यादव की जीत सही मायने में ब्रजेश यादव की कार्यप्रणाली की ही जीत कही जा रही है।
ब्रजेश यादव में एक बड़ी खूबी यह है कि वे युवाओं में बेहद लोकप्रिय हैं एवं उनकी जातिवादी नेता की भी छवि नहीं है, उन्हें सर्व समाज के लोग पसंद करते हैं। हाल में आये चुनाव परिणामों से स्पष्ट है कि समाजवादी पार्टी को भी अब सर्व समाज की बात करनी होगी, तभी राजनीति में ठहर पायेगी। विपक्ष में संघर्ष के लिए युवाओं का साथ बेहद जरूरी है और ब्रजेश यादव के पीछे युवाओं की बड़ी फौज नजर आती है, इस दृष्टि से ब्रजेश यादव जिलाध्यक्ष पद के लिए सर्वोत्तम व्यक्ति कहे जा सकते हैं। हालांकि सपा समर्थक युवाओं का मानना है कि ब्रजेश यादव का जिलाध्यक्ष बनना तय है, क्योंकि युवा सांसद धर्मेन्द्र यादव और युवा राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव महत्वपूर्ण जनपद बदायूं की कमान लोकप्रिय युवा को ही देना चाहेंगे।
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