बदायूं में सोत नदी के किनारे बने पूर्व दर्जा राज्यमंत्री व पूर्व विधायक आबिद रजा के भवन के संबंध में और खोजबीन की गई, तो और भी चौंकाने वाला रिकॉर्ड सामने आया। नियत प्राधिकारी के कार्यालय द्वारा जारी रिपोर्ट में भी आबिद रजा के भवन को हर दृष्टि से निर्विवाद घोषित किया गया है। तहसील प्रशासन और जिला प्रशासन की रिपोर्ट में संबंधित भवन बार-बार जाँच होने के बावजूद सही पाया गया है, तो उन सभी जांच आख्याओं को अब कैसे दरकिनार किया जा सकता है।
सिटी मजिस्ट्रेट ने नोटिस जारी कर कब्जाधारकों को अपना पक्ष रखने के लिए 31 अगस्त की तिथि निर्धारित की थी, वहीं सिंचाई मंत्री धर्मपाल सिंह आबिद रजा का नाम लिए बिना लगातार बयान दे रहे हैं, इसलिए प्रकरण पुनः चर्चाओं में बना हुआ है। शहरी क्षेत्र में नियत प्राधिकारी कार्यालय से नक्शा पास कराने के बाद भवन का निर्माण होता है, इसलिए गौतम संदेश ने इस कार्यालय के रिकॉर्ड को देखा, जिसमें आबिद रजा का भवन निर्विवाद साबित हो रहा है। आबिद रजा ने भू-स्वामी की हैसियत से नक्शे के लिए आवेदन किया, तो 22 फरवरी 2016 को नियत प्राधिकारी ने भवन के संबंध में बिंदुवार आख्या मांगी, जिसमें कहा गया है कि आवेदक आबिद रजा ने स्टाम्प शुल्क सही जमा कराया है, भूमि निर्विवाद है एवं वक्फ, नजूल व ग्राम समाज की भी नहीं है, साथ ही भू-स्वामी काबिज है।
उल्लेखनीय है कि समाजवादी पार्टी की सरकार में सदर क्षेत्र के पूर्व विधायक व पूर्व दर्जा राज्यमंत्री आबिद रजा पार्टी से निष्कासित किये थे, तभी उनके भवन की जाँच हुई थी, जिसमें भवन सोत नदी की सीमा से बाहर पाया गया। पुनः रिपोर्ट मांगी गई, तो जाँच के बाद तहसीलदार ने 23 सितंबर 2016 को रिपोर्ट में पुनः बताया कि अवैध कब्जा नहीं किया गया है। भाजपा सरकार आने पर सोत नदी की फिर जाँच हुई, जिसमें तहसीलदार ने 10 मई 2017 को भेजी रिपोर्ट में लिखा कि अतिक्रमण नहीं किया गया है, इसके बाद भाजपा विधायक महेश चंद्र गुप्ता के आग्रह पर मुख्यमंत्री ने डीएम को निर्देश दिया, तो सीडीओ की अध्यक्षता में गठित कमेटी ने 12 जून 2017 को भेजी रिपोर्ट में लिखा कि आबिद रजा का भवन सोत नदी के रकवे से बाहर है, इसके अलावा सपा सरकार के समय ही आबिद रजा न्यायालय की शरण में चले गये थे। प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन है। रिकार्ड के अनुसार आबिद रजा के भवन पर अंगुली भी नहीं उठाई जा सकती, जबकि आम जनता को बताया जा रहा है कि उनका भवन अवैध है और शीघ्र ही गिरा दिया जायेगा, इससे आबिद रजा की नहीं, बल्कि ऐसा दावा करने वालों की ही फजीहत होगी।
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