बदायूं जिले के थाना सिविल लाइंस में तैनात ईमानदारी की मिसाल कायम कर चुके तेजतर्रार थानाध्यक्ष अजय कुमार यादव पर बसपा का अभियुक्त विधायक भारी पड़ गया है। बसपा विधायक ने सपा के एक प्रभावशाली नेता के सहारे अजय कुमार यादव का तबादला जिले से बाहर करा दिया। अजय कुमार यादव के तबादले से आम जनता में रोष नजर आ रहा है।
उल्लेखनीय है कि बदायूं स्थित सिविल लाइन थाना पुलिस ने 13 सितंबर 2015 को धारा- 420, 468, 504 एवं 506 आईपीसी के अंतर्गत बरेली जिले की बिथरी चैनपुर विधानसभा क्षेत्र से बसपा विधायक वीरेंद्र कुमार गंगवार आदि के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया था। उक्त प्रकरण में सिविल लाइन थाना पुलिस ने गवाह और सुबूत जुटा कर न्यायालय से विधायक वीरेंद्र कुमार गंगवार आदि के विरुद्ध वारंट प्राप्त किया था, साथ ही पुलिस कुर्की वारंट लेने की तैयारी कर रही थी, जिसकी भनक किसी तरह विधायक को लग गई, तो विधायक ने डीआईजी से बरेली की क्राइम ब्रांच के लिए विवेचना स्थानांतरित करा ली, जिसकी खबर प्रकाशित होने के बाद डीआईजी ने अपना आदेश वापस ले लिया और विवेचना बदायूं पुलिस को वापस कर दी, लेकिन एसएसपी ने विवेचना थाना सिविल लाइन को न देकर क्राइम ब्रांच को दी। अब क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर रामलखन सिंह यादव विवेचना कर रहे हैं।
सूत्रों का कहना है कि बदायूं जिले के समाजवादी पार्टी के एक प्रभावशाली नेता बरेली में रहते हैं, जहां सपा नेता से अभियुक्त विधायक वीरेंद्र कुमार गंगवार ने संपर्क किया। सूत्र के अनुसार सपा नेता ने विधायक वीरेंद्र कुमार गंगवार को बचाने के लिए मोटी रकम ली थी, तभी सपा नेता ने डीआईजी से विवेचना स्थानांतरित कराई, लेकिन बवाल होने पर विवेचना पुनः बदायूं आ गई, जिससे सपा नेता अजय कुमार यादव से चिढ़ गया। सूत्र का कहना है कि अब उसी सपा नेता के दबाव में अजय कुमार यादव का तबादला बरेली जिले के लिए किया गया है। अजय कुमार यादव बेहद लोकप्रिय थानाध्यक्ष हैं, उनके कार्यकाल में एक भी झूठी एफआईआर दर्ज नहीं हुई और न ही आम आदमी का कोई शोषण कर पाया, जिससे आम जनता में रोष नजर आ रहा है।
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