समाजवादी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व द्वारा अखिलेश यादव के समक्ष समर्पण कर दिया गया है, इसके बावजूद वर्चस्व की जंग हमेशा को समाप्त करने के लिए रविवार को प्रतिनिधि सम्मेलन में अखिलेश यादव के नाम का प्रस्ताव राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद के लिए किया जायेगा। माना जा रहा है कि अखिलेश यादव को राष्ट्रीय अध्यक्ष आसानी से चुन लिया जायेगा।
उच्चपदस्थ सूत्रों का कहना है कि रविवार को बुलाये गये आपातकालीन राष्ट्रीय प्रतिनिधि सम्मेलन को कार्यकर्ता सम्मेलन में नहीं बदला गया है। निष्कासन के बावजूद अखिलेश यादव का मनोबल कम नहीं हुआ, साथ ही उन्होंने विधायकों को बुला कर बहुमत भी दिखा दिया, जिससे यह भी स्पष्ट हो गया कि रविवार को अखिलेश यादव का नाम राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए आसानी से अनुमोदित हो जायेगा, यह अहसास होते ही शीर्ष नेतृत्व का रवैया बदल गया। आनन-फानन में अखिलेश यादव और प्रो. रामगोपाल यादव का निष्कासन वापस ले लिया गया, जिसके बाद माना जा रहा था कि समाजवादी पार्टी में उपजा संकट थम गया है।
उच्चपदस्थ सूत्रों का कहना है कि अखिलेश यादव समाजवादी पार्टी में बर्चस्व की जंग हमेशा के लिए समाप्त करना चाहते हैं, इसीलिए रविवार को बुलाया गया आपातकालीन राष्ट्रीय प्रतिनिधि सम्मेलन टाला नहीं गया है। स्थान परिवर्तन किया गया है, जिसमें अखिलेश यादव का नाम राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए प्रस्तावित किया जायेगा, साथ ही मुलायम सिंह यादव को समाजवादी पार्टी का संरक्षक बना दिया जायेगा।
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