समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव, सांसद व प्रोफेसर रामगोपाल यादव ने कुख्यात धनबलि व बाहुबलि डी.पी. यादव के गुर्गों को न्यायालय में पहचानने से मना कर दिया। वर्ष- 2004 के प्रकरण में न्यायालय ने सुनवाई की अगली तारीख 10 सितंबर 2015 निश्चित की है।
उल्लेखनीय है कि वर्ष- 2004 में प्रो. रामगोपाल यादव संभल लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़े थे। उन्होंने 10 मई 2004 को कुख्यात धनबलि व बाहुबलि डी.पी. यादव के विरुद्ध धारा- 147, 148, 149, 307 आईपीसी के साथ रजपुरा थाना क्षेत्र के गाँव हिरौनी में बूथ कैप्चर करने का मुकदमा दर्ज कराया था, जिसमें पुलिस ने विवेचना के बाद न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल कर दिया। विवेचना में डी.पी. यादव के साथ रामवीर पुत्र विद्याराम व मानिक उर्फ मनका पुत्र दीपचन्द्र निवासी हिरौनी थाना रजपुरा भी दोषी पाये गये।
उक्त प्रकरण में डी.पी. यादव न्यायालय से 10 सितंबर 2008 को दोष मुक्त हो चुके हैं, इसी प्रकरण में प्रो. रामगोपाल यादव आज गवाह के रूप में बदायूं स्थित एसीजेम- प्रथम के समक्ष पेश हुए और रामवीर पुत्र विद्याराम व मानिक उर्फ मनका पुत्र दीपचन्द्र निवासी हिरौनी थाना रजपुरा को पहचानने से मना कर दिया। उन्होंने न्यायालय में कहा कि “मुझे उस दिन सूचना मिली, उसमें केवल डी.पी. यादव का नाम था, अन्य किसी का नाम नहीं बताया गया। यह सही है कि दरोगा जी को मैंने अपने बयान में डी.पी. यादव का नाम बताया था, अन्य किसी का नहीं बताया, मैं अभियुक्त रामवीर व मानिक को व्यक्तिगत रूप से नहीं जानता।”
न्यायिक कार्रवाई पूरी करने के बाद उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए उच्च न्यायालय द्वारा नेताओं के बच्चे सरकारी स्कूल में पढ़ाने का आदेश पारित करने के संबंध में कहा कि यह आदेश सैद्धांतिक रूप से तो सही हो सकता है, लेकिन व्यवहारिक दृष्टि से सही नहीं कहा जा सकता। बोले- सभी को समान शिक्षा मिलनी चाहिए। केंद्र सरकार द्वारा बिहार को पैकेज दिए जाने पर उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश बिहार से बड़ा है, तो उत्तर प्रदेश को बड़ा पैकेज मिलना चाहिए। बोले- प्रदेश सरकार तीन लाख करोड़ रूपये का पैकेज देने की मांग प्रधानमंत्री से करेगी। इस अवसर पर सपा जिलाध्यक्ष व दर्जा राज्यमंत्री बनवारी सिंह यादव व सांसद धर्मेन्द्र यादव सहित सैकड़ों नेता और समर्थक मौजूद रहे।
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