प्रदेश में कायम गुंडाराज पर प्रो. रामगोपाल यादव की मोहर

प्रदेश में कायम गुंडाराज पर प्रो. रामगोपाल यादव की मोहर
जिला सीतापुर स्थित ब्लॉक पिसावां के खंड विकास अधिकारी को ज्ञापन देते पत्रकार।
जिला सीतापुर स्थित ब्लॉक पिसावां के खंड विकास अधिकारी को ज्ञापन देते पत्रकार।

शाहजहाँपुर निवासी पत्रकार जगेन्द्र हत्या कांड में प्रदेश और देश के पत्रकार आक्रोश में हैं। दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई कराने की और दिवंगत जगेन्द्र के परिवार को आर्थिक सहायता दिलाने की मांग को लेकर पत्रकार जगह-जगह लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। पत्रकारों के ज्ञापन पर राज्यपाल ने भी निष्पक्ष जांच कराने के निर्देश दिए हैं, लेकिन सरकार पत्रकारों की मांग मानने को तैयार नहीं है, वहीं समाजवादी पार्टी के लखनऊ (मध्य) विधान सभा क्षेत्र से विधायक रविदास मेहरोत्रा ने भी मुख्यमंत्री को पत्र लिख कर दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई कराने व जाँच पूर्ण न होने तक आरोपी मंत्री को मंत्रिमंडल से हटाने की मांग की है, पर भावनाओं और कानून को दरकिनार कर सपा के राष्ट्रीय महासचिव प्रो. रामगोपाल यादव ने आज स्पष्ट कर दिया कि मुकदमा लिखने से कोई दोषी नहीं हो जाता। बोले- जाँच पूर्ण न होने तक राज्यमंत्री राममूर्ति वर्मा के विरुद्ध कार्रवाई नहीं होगी, साथ ही एक ओर वे जांच की बात कर रहे थे और दूसरी ओर उन्होंने शाहजहाँपुर के पूर्व विधायक देवेन्द्र कुमार सिंह को यह कहते हुए पार्टी से निष्काषित कर दिया कि उन्होंने राममूर्ति वर्मा को फंसाने की साजिश रची थी।

समाजवादी पार्टी के लखनऊ (मध्य) विधान सभा क्षेत्र से विधायक रविदास मेहरोत्रा द्वारा मुख्यमंत्री को लिखा गया पत्र।
समाजवादी पार्टी के लखनऊ (मध्य) विधान सभा क्षेत्र से विधायक रविदास मेहरोत्रा द्वारा मुख्यमंत्री को लिखा गया पत्र।

प्रो. रामगोपाल यादव के रुख से पत्रकार आहत हैं और उनके बयान की कड़ी आलोचना कर रहे हैं। पत्रकारों का कहना है कि जाँच पूर्ण न होने तक राममूर्ति वर्मा को मंत्रिमंडल से बाहर भी तो किया जा सकता था, साथ ही पत्रकारों ने सवाल उठाया है कि जब देवेन्द्र कुमार सिंह को साजिश रचने के आरोप में पार्टी से निकाला जा रहा है, तो स्पष्ट है कि समाजवादी पार्टी और सरकार जांच पूर्ण होने से पूर्व ही राममूर्ति वर्मा को निर्दोष मान रही है, ऐसे में जांच का औचित्य ही क्या बचता है?

सरकार और समाजवादी पार्टी का रुख स्पष्ट होने से जगेन्द्र हत्या कांड में हाईकोर्ट का सहारा ही बचा है। बता दें कि गुरुवार को लखनऊ निवासी वरिष्ठ अधिवक्ता प्रिंस लेनिन ने जगेन्द्र हत्या कांड के संबंध में हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में जनहित याचिका दायर की थी, जिस पर सोमवार को सुनवाई होगी। यह भी बता दें कि जगेन्द्र ने मृत्यु पूर्व बयान दर्ज कराये थे, जिसका वीडियो भी सार्वजनिक हो चुका है। बयान में जगेन्द्र ने स्पष्ट आरोप लगाया है, जिसे सरकार और समाजवादी पार्टी भले ही न माने, पर न्यायालय जरुर गंभीरता से लेगा।

उधर उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिला मुख्यालयों, तहसील मुख्यालयों और विकास खंड स्तर पर भी पत्रकारों का प्रदर्शन जारी रहा। दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई और दिवंगत जगेन्द्र के परिवार को आर्थिक सहायता दिलाने की मांग को लेकर जगह-जगह पत्रकारों ने अफसरों को ज्ञापन सौंपे।

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