बदायूं के लोगों का सैफई घराने से बड़ा ही आत्मीय रिश्ता है, इस रिश्ते को सांसद धर्मेन्द्र यादव ने न सिर्फ और बेहतर किया है, बल्कि और ऊपर ले जाकर स्थापित किया है। बदायूं के हर व्यक्ति को यही लगता है कि वह सांसद के ज्यादा करीब है, इसीलिए हर व्यक्ति का संकोच खत्म हो गया है। परिवार के सदस्य की तरह कोई भी उन्हें पकड़ लेता है और फिर अपने दिल की बात कह देता है। सरकारी और गैर सरकारी कार्यों के साथ लोग सांसद से निजी समस्याओं को भी ऐसे बताते हैं, जैसे उनकी निजी समस्याओं का हल करना भी सांसद का पहला धर्म है। चौंकाने वाली बात तो यह है कि सांसद किसी को निराश नहीं करते।
बदायूं में सोमवार को इस्लामिया इंटर कॉलेज के प्रांगण में लैपटॉप वितरण और करोड़ों की योजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण करने का समारोह आयोजित किया गया। समारोह से सांसद जैसे ही मुक्त हुए, वैसे ही उनके चाहने वालों ने उन्हें हमेशा की तरह घेर लिया। कोई कान में कुछ बोलना चाह रहा था, तो कोई हाथ पकड़ कर उनका ध्यान अपनी ओर आकर्षित करना चाह रहा था, इसी तरह कोई और दूसरा हाथ पकड़ कर अपनी ओर खींच रहा था। किसी तरह सबकी सुनते हुए उपस्थित अफसरों को लोगों की समस्याओं का समाधान करने का तत्काल निर्देश देते जा रहे थे, इस बीच एक विकलांग उनके पास तक पहुंचने का प्रयास कर रहा था, जिसे डीएम ने धक्का देकर पीछे कर दिया, तो उस पर सांसद की नजर चली गई, उन्होंने तत्काल उसे अपने पास बुलाया, उसने निजी समस्या शेयर की, तो सांसद ने जेब में हाथ डाला और उसे रूपये दे दिए। रूपये मिलते ही उसका चेहरा खिल गया।
लोगों से बात करने के कारण भीड़ बढ़ती चली गई, जिससे सांसद दब गये, तो किसी तरह बच कर वे गाड़ी तक पहुंचे और फिर गाड़ी पर खड़े होकर समस्याओं को सुनते रहे। परेशान लोग किसी भी तरह सांसद तक पहुंचना चाह रहे थे, वहीं सांसद के फंसने पर कई लोग दूर खड़े होकर चुटकियाँ भी लेते रहे कि एक जान किस-किस के काम करे, लेकिन ऐसी खींचतान के बावजूद सांसद के चेहरे पर झल्लाहट महसूस तक नहीं होती, वे खुशी-खुशी यह सब सुनते और करते रहते हैं, साथ ही बदायूं आने को आतुर रहते हैं।
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