बदायूं में प्राचीन तालाब पर भू-माफियाओं द्वारा कब्जा करने और प्रशासन की मिलीभगत का न सिर्फ खुलासा हो गया है, बल्कि यह गंभीर प्रकरण अब प्रमुख मुददा बनता जा रहा है, इसके बावजूद जिलाधिकारी अभी भी जांच कराने की बात कह कर प्रकरण को दबाने का प्रयास करते नजर आ रहे हैं। प्रशासन से जनता का विश्वास पूरी तरह उठ गया है, जिससे जनता अब अपने अधिकार के लिए स्वयं ही खड़ी होती नजर आ रही है। आक्रोशित लोगों ने आज माफियाओं की मिटटी से भरी ट्रैक्टर-ट्राली पकड़ लीं, जिससे कई घंटे तक गहमा-गहमी का माहौल रहा। हांलाकि पुलिस ने ट्रैक्टर-ट्राली छुड़ाने का दबाव बनाया, पर मोहल्ले के लोग अब दबने को तैयार नजर नहीं आ रहे हैं। माफियाओं के विरुद्ध कार्रवाई नहीं हुई, तो 23 मई को परेशान लोग मुख्यमंत्री के समक्ष इस मुददे को उठाने का मन बना चुके हैं।
उल्लेखनीय है कि दातागंज तिराहे के पास कई एकड़ में फैला विशाल प्राचीन तालाब था, जिसमें आधे शहर का गंदा पानी गिरता रहा है, इस तालाब को बेखौफ भू-माफियाओं द्वारा खुलेआम कब्जाया जा रहा है। माफियाओं ने शहर के गंदे पानी की निकासी की कोई व्यवस्था नहीं की है, जिससे आधे शहर का पानी जाम हो गया है। मोहल्ला नई सराय के लोगों के घरों में पानी उल्टा घुसने लगा है। त्राहि-त्राहि कर उठे लोग प्रशासनिक अफसरों से शिकायत कर चुके हैं, लेकिन लेकिन दबाव के चलते माफियाओं के विरुद्ध कोई अफसर शिकायत तक सुनने को तैयार नहीं हुआ। तालाब कब्जाने के लिए लगातार जेसीबी और डंपर आज भी जुटे नजर आ रहे हैं।
स्तब्ध कर देने वाली बात यह है कि भू-माफियाओं के विरुद्ध कार्रवाई न करने वाले जिलाधिकारी चन्द्र प्रकाश त्रिपाठी ने तालाब के विवादित स्थान को ही मुख्यमंत्री की जनसभा के लिए ही चयनित कर दिया। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव 23 मई को जनपद के दौरे पर आ रहे हैं। तालाब वाले विवादित स्थान पर जनसभा के लिए तैयारी चल रही हैं। बताया यह भी जा रहा है कि माफियाओं द्वारा तालाब किनारे रहने वाले गरीब परिवारों के मकान भी छीन लिए गये हैं, उन्हें बना कर पक्के मकान देने का प्रलोभन दिया गया है। फिलहाल गरीब परिवारों के बच्चे और महिलायें भीषण गर्मी के मौसम में खुले आसमान के नीचे तपते नजर आ रहे हैं।
उक्त प्रकरण प्रमुख मुददा बन गया है। जिले से लेकर मंडल और लखनऊ स्तर तक चर्चा होने लगी है, इसके बावजूद जिलाधिकारी चन्द्र प्रकाश त्रिपाठी अभी भी सिर्फ जांच कराने की बात कह रहे हैं, जिससे परेशान लोगों का प्रशासन से विश्वास उठ गया है। आक्रोशित लोगों ने आज माफियाओं की एक दर्जन से अधिक मिटटी से भरी ट्रैक्टर-ट्रालियां पकड़ लीं, उन्हें कई घंटे तक बंधक बनाये रखा, जिससे गहमा-गहमी का माहौल बना रहा।
माफियाओं के दबाव में पुलिस ने ट्रैक्टर-ट्राली निकलवाने का दबाव बनाया, पर मोहल्ले के लोगों ने इस बार दबने से मना कर दिया। हार कर माफियाओं के कारिंदे ट्रैक्टर-ट्राली वापस कर भाग गये। प्रशासन ने माफियाओं के विरुद्ध कार्रवाई करते हुए तालाब कब्जा मुक्त नहीं कराया, तो 23 को मोहल्ले के लोग मुख्यमंत्री के समक्ष इस मुददे को गंभीरता से उठा सकते हैं।
यहाँ यह भी बता दें कि सूखा और भीषण गर्मी से राहत के लिए शासन ने समस्त जिलाधिकारियों को जिले के समस्त तालाबों को साफ कराने और उनमें पानी भरने का कड़ा निर्देश दिया है, लेकिन यहाँ शासनादेश के विरुद्ध तालाब पर ही कब्जा कराया जा रहा है, जबकि उक्त तालाब ऐतिहासिक दृष्टि से धरोहर माना है, इस तालाब में सैकड़ों तरह के जीवों की प्रजातियाँ सुरक्षित थीं, जिन्हें मौत के घाट उतार दिया गया है, साथ ही प्राचीन सागर ताल और इस तालाब पर प्रवास करने के लिए कई लुप्त होती प्रजातियों के हजारों पक्षी प्रतिवर्ष प्रवास करने आते रहे हैं।
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