उत्तर प्रदेश पुलिस की छवि पिछले कुछ वर्षों में कुछ ज्यादा ही खराब हुई है। बरेली मंडल में पुलिस का रिकॉर्ड और भी ज्यादा खराब रहा है, जिसे सुधारने के प्रयास आईजी विजय कुमार सिंह मीना ने शुरू कर दिए हैं।
तेजतर्रार आईपीएस अधिकारी विजय कुमार सिंह मीना वर्तमान में बरेली जोन में आईजी पद का दायित्व संभाल रहे हैं। उनके यहाँ तैनात होने के बाद से पुलिस की कार्यप्रणाली में कई तरह के बदलाव आये हैं। दागी और अपराधी छवि के पुलिस वालों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई होने लगी है। शाहजहाँपुर में पुलिस पर कई तरह के आरोप लगते रहे हैं। बदायूं जिले में तो हालात बदतर हो चले हैं। कटरा सआदतगंज, थाना मूसाझाग और कोतवाली उझानी में हुई वारदातों में पुलिस पर आरोप लगने से हालात ज्यादा खराब हुए हैं। विजय कुमार सिंह मीना के कार्यकाल में मूसाझाग और उझानी की घटनायें हुई हैं, उन्होंने इन दोनों घटनाओं में तत्काल कड़ी कार्रवाई कराई।
पुलिस सूत्रों का कहना है कि पुलिस की लगातार खराब होती छवि को लेकर आईजी बेहद गंभीर हैं, उन्होंने गोपनीय तरीके से ऐसे सिपाहियों को चिन्हित करने का अभियान शुरू किया है, जो आपराधिक वारदातों में किसी भी तरह संलिप्त रहे हैं, गौकशी और खनन कराने को लेकर बदनाम हैं और लंबे समय से एक ही स्थान पर तैनात हैं। सूत्रों का कहना है कि ऐसे दागी सिपाहियों का दूर तबादला किया जायेगा एवं गंभीर प्रकरण प्रकाश में आने पर कड़ी कार्रवाई भी कराई जायेगी। हालांकि आईजी विजय कुमार सिंह मीना के निर्देश पर दागी पुलिस वालों की सूची बेहद गोपनीय तरीके से तैयार की जा रही है, इसके बावजूद भनक लगने के चलते पुलिस विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। माना जा रहा है कि आईजी का यह अभियान सफल रहा, तो बरेली जोन क्षेत्र में पुलिस में बड़ा बदलाव नजर आयेगा।
उधर वरिष्ठ अफसरों की यह भी राय है कि बरेली जोन क्षेत्र की तरह ही उत्तर प्रदेश में ऐसा अभियान चले और कार्रवाई भी हो, तो पुलिस की ही नहीं, बल्कि सरकार की छवि में भी बड़ा सुधार हो सकता है। खैर, यह तो समय ही बतायेगा कि पुलिस की छवि को लेकर चिंतित आईजी विजय कुमार सिंह मीना सफल हो पाते हैं या नहीं, फिलहाल वे प्रशंसा के पात्र अवश्य बने हुए हैं, क्योंकि आईजी स्तर के अफसर फील्ड में बहुत कम जाते हैं, लेकिन श्री मीना लगातार फील्ड में जा रहे हैं और स्वयं एक सिपाही की तरह कार्रवाई कर रहे हैं, जिससे वे आम जनता के बीच लोकप्रिय होते जा रहे हैं।