बदायूं के जिलाधिकारी पवन कुमार फुल फॉर्म में आ गये हैं और चौतरफा बल्लेबाजी करते नजर आ रहे हैं, अधीनस्थों को निर्देश देने की जगह वे सोमवार को स्वयं निकले और निरीक्षण कर कार्रवाई करते हुए कड़े दिशा-निर्देश भी देते नजर आये। कार्यालयों में अधिकारियों एवं कर्मचारियों की समय से शत-प्रतिशत उपस्थिति जांचने के लिए डीएम ने जिला महिला अस्पताल तथा विकास भवन में ताबड़तोड़ छापेमारी की। कार्यालयों की सफाई व्यवस्था, अभिलेखों का रख-रखाब तथा कार्य प्रणाली का स्थलीय निरीक्षण किया।
महिला अस्पताल में अनुपस्थित मिले कर्मचारी
डीएम के औचक निरीक्षण से पूरे जिले के अधिकारियों, कर्मचारियों में हड़कम्प मचा रहा। जिलाधिकारी पवन कुमार ने महिला अस्पताल पहुंचकर औचक निरीक्षण किया तो स्टाफ नर्स संतोष कुमारी, पुष्पारानी, हुस्न आरा, वार्ड आया अंदरसा देवी, एएनएम फरहा आबिद, रोगी सहायता केन्द्र ऑपरेटर महेश सरन अनुपस्थित पाए गए। डॉ. हाकिम सिंह, कहार भगवान दास भी उपस्थित नहीं पाए गए। डीएम द्वारा पूछताछ करने पर मालूम हुआ कि यह दोनों अवकाश पर हैं। रात्रि में ड्यूटी करने के कारण डॉ. कमला मिश्रा भी उपस्थित नहीं पाई गईं।
घूसखोरी की सीएमओ करेंगे जांच
जिला अस्पताल के निरीक्षण के दौरान मरीज़ों से अवैध वसूली की शिकायतें मिलने पर डीएम ने कड़ी नाराज़गी जताते हुए जांच मुख्य चिकित्सा अधिकारी को सौंपी है। उन्होंने कहा कि दोष सिद्ध होने पर दण्डात्मक कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। शिकायत मिली कि ज़िला महिला अस्पताल में सिस्टर फिरदौस, तसब्बरी बेगम, वार्ड आया मरीजों से अवैध धन की उगाही करती हैं। डीएम ने कहा कि ऐसी गम्भीर शिकायतों में किसी भी अधिकारी, कर्मचारी के साथ कोई रियायत नहीं बरती जाएगी।
महिला अस्पताल की सीएमएस निशाने पर
जननी सुरक्षा योजना अन्तर्गत भुगतान का विवरण उपलब्ध न कराने पर डीएम ने जिला महिला अस्पताल की सीएसएम के प्रति कड़ी नाराज़गी जताते हुए कहा कि इससे कार्य की शिथिलता स्पष्ट होती है। उन्होंने पाया कि चालू माह में 486 साधारण प्रसव एवं 25 ऑपरेशन से प्रसव कराए गए हैं। डीएम ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं में किसी प्रकार की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। डीएम को जानकारी मिली कि ज़िला महिला अस्पताल से कुछ आशाएं प्रसूताओं को प्रसव हेतु निजी अस्पताल ले जाती है। डीएम ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए सीएमओ को निर्देश दिए कि दोषी आशाओं और निजी अस्पतालों को चिन्हित किया जाए। डीएम ने महिला अस्पताल की मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को कड़े निर्देश दिए कि चिकित्सकों की समय पर उपलब्धता सुनिश्चित कराई जाए। चिकित्सकों का ड्यूटी रजिस्टर उनके मोबाइल नम्बर सीएमएस कक्ष में उपलब्ध रहना चाहिए। डीएम ने अव्यवस्थित रिकॉर्ड मिलने पर घोर संतोष व्यक्त करते हुए निर्देश दिए कि प्रसूताओं को भोजन वितरण तथा प्रसव रजिस्टर को प्रतिदिन सीएमएस अवलोकित करें।
डीडीओ, पीडी और डीपीओ तक मिले नदारद
विकास भवन में जिला विकास अधिकारी, डीआरडीए के परियोजना निदेशक, जिला कार्यक्रम अधिकारी एवं सीडीपीओ के अनुपस्थित पाए जाने के साथ ही जिला विकास अधिकारी कार्यालय में प्रधान सहायक मनोज कुमार, कनिष्ठ सहायक अनिल कुमार, सलाहकार रविकांत वर्मा, जिला समाज कल्याण कार्यालय में कनिष्ठ सहायक मु. मुस्लिम, ग्रामीण अभियन्त्रण विभाग में कनिष्ठ सहायक कौशल कुमार, उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति वित्त विकास निगम में कम्प्यूटर ऑपरेटर अनूप कुमार, जिला अर्थ एवं संख्या कार्यालय में कनिष्ठ सहायक मु. अमान, पशुपालन कार्यालय में प्रधान सहायक रामप्रकाश सिंह, कनिष्ठ सहायक नरेन्द्र कुमार, अनुपम कुमारी, चतुर्थ श्रेणी जीत कश्यप, जिला कृषि कार्यालय में वरिष्ठ सहायक चन्द्र शेखर यादव, यूपीनेडा में वरिष्ठ लिपिक राजेन्द्र कुमार द्विवेदी, बाल विकास कार्यालय में कनिष्ठ सहायक अभिषेक शास्त्री अनुपस्थित मिले। डीएम ने सभी का जवाब-तलब कर वेतन कटौती के निर्देश दिए हैं।
(गौतम संदेश की खबरों से अपडेट रहने के लिए एंड्राइड एप अपने मोबाईल में इन्स्टॉल कर सकते हैं एवं गौतम संदेश को फेसबुक और ट्वीटर पर भी फ़ॉलो कर सकते हैं)