बदायूं जिला न्यायालय की शासकीय अधिवक्ता साधना शर्मा की हत्या का सह-आरोपी ग्रीश चंद्र मिश्रा निलंबित कर दिया गया है। शातिर ग्रीश की डीआरडीए में पुरानी पत्रावलियां भी खंगाली जा रही हैं, जिससे कई तरह के घपले सामने आ सकते हैं।
उल्लेखनीय है कि उझानी कोतवाली क्षेत्र में जिरौलिया फाटक के नजदीक शासकीय अधिवक्ता साधना शर्मा की स्कूटी और कार की 23 मई की शाम को आमने-सामने से टक्कर हो गई थी, जिसमें साधना शर्मा गंभीर रूप से घायल हो गई थीं और उपचार हेतु जिला मुख्यालय लाते समय उनका निधन हो गया था।
उक्त प्रकरण में साधना शर्मा की बहन विपर्णा गौड़ ने पूर्व विधायक योगेन्द्र सागर सहित उझानी निवासी देवेन्द्र नाथ शर्मा, कमल शर्मा, सुधांशु शर्मा, भूरे शर्मा और श्रवण गुप्ता के विरुद्ध उझानी कोतवाली में धारा- 504, 506 323, 304 आईपीसी के अंतर्गत मुकदमा दर्ज कराया था। विवेचना के दौरान नामजदगी झूठी पाई गई और अन्य कई नाम प्रकाश में आये, तो पुलिस ने हिरासत में लेकर विभिन्न लोगों से पूछताछ की।
पुलिस के समक्ष उझानी निवासी जिला ग्राम्य विकास अभिकरण में कर्मचारी ग्रीश चंद्र मिश्रा ने कुबूल किया कि साधना शर्मा की हत्या कराने में उसकी भी भूमिका है। पुलिस ने उसे जेल भेज दिया और उसके विभाग को सूचना प्रेषित कर दी। पुलिस का पत्र मिलते ही परियोजना निदेशक ने ग्रीश चंद्र मिश्रा के निलंबन की संस्तुति कर दी। बताते हैं कि ग्रीश से संबंधित अन्य पत्रावलियां भी खंगाली जा रही हैं, जिससे कई बड़े घपले सार्वजनिक हो सकते हैं।
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