बहुचर्चित नीतीश कटारा हत्याकांड में जेल काट रहे दोषियों को उच्चतम न्यायालय से राहत नहीं मिली। न्यायालय ने अपराध को मानते हुए निचली अदालत के आदेश को सही माना, लेकिन सजा को लेकर अभी सुनवाई जारी रहेगी।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2002 की 16/17 फरवरी की रात को ऑनर किलिंग के रूप में नीतीश कटारा की हत्या की गई थी। मृतक नीतीश कटारा के डीपी यादव की छोटी बेटी भारती यादव के साथ प्रेम संबंध थे, इन दोनों को एक शादी समारोह में डांस करते हुए देख लिया था। भारती यादव के भाई विकास यादव और चचेरे भाई विशाल यादव ने नीतीश कटारा की हत्या कर शव को सुखदेव की मदद से बुलंदशहर जिले के खुर्जा इलाके में सफारी गाड़ी से फेंक दिया था।
रात भर गायब रहने पर नीतीश की चिंतित माँ को भारती ने ही बताया कि नीतीश को उसके भाई ले गये थे, इसके बाद नीलम कटारा ने मुकदमा दर्ज कराया। पुलिस ने विकास और विशाल को मध्य प्रदेश से गिरफ्तार किया गया था। इस घटना के बाद भारती को इंग्लैंड भेज दिया गया था, अब भारती की शादी हो चुकी है।
उक्त प्रकरण में विकास, विशाल और सुखदेव को सजा हो चुकी है, जिसके विरोध में आरोपी उच्चतम न्यायालय गये थे। सुनवाई और बहस के बाद आज न्यायालय ने आदेश पारित किया कि निचली अदालत का निर्णय सही है, साथ ही गंभीर टिप्पणी करते हुए सवाल भी उठाये, लेकिन बीस वर्ष और तीस वर्ष की सजा को लेकर सुनवाई अभी जारी रहेगी। बता दें कि आजीवन कारावास के रूप में बीस वर्ष जेल में रहना होता है, लेकिन उच्च न्यायालय ने विकास और विशाल को तीस वर्ष जेल में रहने की सजा सुनाई है।
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