उत्तर प्रदेश सरकार की फजीहत का बड़ा कारण बने मथुरा के जवाहर बाग कांड में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गुरुवार को सीबीआई जाँच कराने का आदेश पारित कर दिया। हाईकोर्ट ने कहा कि यह एक बहुत गंभीर मामला है, इसमें पुलिसकर्मियों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी, इसलिए जांच का स्तर ऊंचा व पारदर्शी होना चाहिये, जिससे दोषियों को सजा मिल सके।
जवाहर बाग कांड की सीबीआई जांच कराने की मांग को लेकर अलग-अलग 9 याचिकायें दाखिल की गई थीं, जिसमें शहीद एएसपी सिटी मुकुल द्विवेदी की पत्नी अर्चना द्विवेदी ने भी याचिका दायर की थी। गुरुवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सीबीआई जांच की मांग को लेकर दाखिल याचिकाओं का निस्तारण करते हुये जवाहर बाग कांड की जांच सीबीआई के हवाले करने का आदेश पारित कर दिया। मुख्य न्यायाधीश की बेंच 8 महीने से सुनवाई कर रही थी।
मथुरा में 2 जून, 2016 को जवाहर बाग से रामवृक्ष यादव का अवैध कब्जा हटाने पहुंची पुलिस टीम पर हमला कर दिया गया था, जिसमें टीम का नेतृत्व कर रहे एएसपी सिटी मुकुल द्विवेदी और एसओ फरह संतोष यादव शहीद हुए थे, इसमें सरगना रामवृक्ष यादव भी मारा गया था। सीबीआई जांच में कई बड़े नाम सामने आ सकते हैं। रामवृक्ष के मारे जाने के बाद दूसरे नंबर का सरगना बदायूं जिले का राकेश कुमार गुप्ता है, जो जेल में है। सीबीआई जाँच का दायरा बदायूं सहित प्रदेश के कई जिलों व देश के कई राज्यों तक रहेगा, इस प्रकरण में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने 8 जून को न्यायिक जांच के आदेश दिए थे।
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