सरकार को दर्द अब जाति, धर्म और वोट के हानि-लाभ के अनुसार होता है, यह सब मेल नहीं खाते, तो सरकार पर कोई फर्क नहीं पड़ता। पत्रकार जगेन्द्र सिंह के आश्रितों को आर्थिक सहायता न देने का मुख्यमंत्री ने मन बना लिया है, ऐसे में स्पष्ट है कि आरोपी राज्यमंत्री पर भी कार्रवाई नहीं होगी और उनका बचना जाँच से पहले ही तय है।
उल्लेखनीय है कि सहज और सामान्य रूप से परलोक सिधार चुके पत्रकार नथुनी यादव के आश्रितों को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आर्थिक मदद देने में देर नहीं की, इसी तरह गोरखपुर में मारे गये पत्रकार अखिलेश निषाद के आश्रितों को भी उन्होंने आर्थिक सहायता उपलब्ध करा दी, लेकिन शाहजहाँपुर के पत्रकार जगेन्द्र सिंह के आश्रितों को आर्थिक सहायता नहीं दी जा रही है, जबकि उसके परिवार की आर्थिक स्थित बहुत अच्छी नहीं है।
सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव अपने राज्यमंत्री राममूर्ति सिंह वर्मा पर आरोप लगने से नाराज हैं, इसलिए वे आर्थिक सहायता नहीं देंगे। सूत्रों की बात सही मानी जाये, तो मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की दृष्टि में आरोपी राममूर्ति वर्मा जांच हुए बिना ही निर्दोष हैं, ऐसे में जांच का परिणाम क्या हो सकता है, यह अंदाज़ लगा पाना मुश्किल नहीं है। अब इस प्रकरण में सिर्फ सीबीआई जाँच ही होना चाहिए, क्योंकि उत्तर प्रदेश सरकार के अधीन कोई भी एजेंसी निष्पक्ष जाँच नहीं कर पायेगी।
उधर दिवंगत जगेन्द्र के हत्यारोपियों को गिरफ्तार करने और आश्रितों को आर्थिक सहायता देने की मांग को लेकर देश भर में सभायें हो रही हैं। इस प्रकरण में सरकार ने निष्पक्ष कार्रवाई नहीं की, तो प्रदेश के साथ देश भर के पत्रकार आंदोलन करने का मन बनाये हुए हैं।
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