बदायूं वीवीआईपी जिला है, यहाँ बिजली, पानी, दवा, केरोसिन, अपराध और भ्रष्टाचार को लेकर जनता भले ही हाहाकार कर रही हो, लेकिन दो नंबर का धंधा करने वाले मस्त हैं। यूं भी कह सकते हैं कि संवैधानिक सरकार पर असंवैधानिक सरकार पूरी तरह हावी है और असंवैधानिक सरकार के लिए ही वीवीआईपी जिला है। दिनदहाड़े प्राचीन और ऐतिहासिक तालाब कब्जाया जा रहा है, लेकिन कोई सुनने वाला तक नहीं है, ऐसे ही सरकारी रोडवेज पर नकली रोडवेज हावी है, पर कोई न देखने वाला है और न सुनने वाला।
जी हाँ, संवैधानिक सरकार की रोडवेज पर असंवैधानिक सरकार की रोडवेज इस कदर हावी है कि सरकारी चालक, परिचालक और एआरएम तक कुछ नहीं कर सकते। जब-जब विरोध किया है, तब-तब संवैधानिक सरकार के कर्मचारियों को असंवैधानिक सरकार के कर्मचारियों ने जमकर पीटा है, जिससे अब कोई नहीं बोलता। संवैधानिक सरकार की रोडवेज को खर्चा निकाल पाने में पसीने आ जाते हैं, लेकिन असंवैधानिक सरकार की रोडवेज के कर्मचारी और मालिक फल-फूल रहे हैं।
असंवैधानिक सरकार की रोडवेज बसों को आम आदमी पहचान नहीं सकते, उनका रंग, उनकी डिजायन और उनकी बनावट एक दम सरकारी रोडवेज की बसों जैसी ही है। कासगंज से बदायूं होते हुए बरेली तक खुलेआम दौड़ रही हैं। आश्चर्य की बात यह है कि सरकारी बसों के बीच में ही खड़ी होती हैं। सरकारी रोडवेज से ही सवारियां बैठाती हैं, लेकिन उनका कोई कुछ नहीं कर सकता।
संवैधानिक रोडवेज की बसों के संरक्षण के लिए विभाग के अलावा पुलिस-प्रशासन है, जिसके पास असीमित शक्ति है, कानूनी कार्रवाई करने का अधिकार है, लेकिन असंवैधानिक सरकार द्वारा संचालित रोडवेज बसों के चालकों-परिचालकों के पास सिर्फ विधायक, सांसद और समाजवादी पार्टी के पदाधिकारियों का मोबाइल नंबर रहता है। अगर, कोई उनसे सवाल-जवाब कर भी ले, तो अपने सुप्रीमो का नंबर मिला कर मोबाइल हाथ में थमा देते हैं, उसके बाद सवाल करने वाला सर … सर … कहते हुए आगे बढ़ जाता है।
असंवैधानिक सरकार की बसों की नकल इतने अच्छे से की गई है कि पढ़ा-लिखा आदमी भी एक नजर में नहीं पहचान सकता। कई बार लोग बैठ जाते हैं, तो उन्हें नकली रोडवेज में बैठने का अहसास तब होता है, जब बस शहर से बाहर निकल गई होती है। नकली रोडवेज की बसों में महिलाओं और युवतियों के साथ अश्लील हरकतें भी की जाती हैं, लेकिन समूचे सिस्टम पर असंवैधानिक सरकार हावी है, जिससे संवैधानिक सरकार के प्रतिनिधि सिर्फ मूकदर्शक से नजर आ रहे हैं।
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