समाज और जनता के हित में कार्य करने की ललक हो, तो व्यक्ति किसी भी अवस्था में समाज और जनता का भला कर सकता है। विकास की सोच न होने के कारण विधायक तक जीतने के बाद गाँव की ओर मुड़ कर नहीं देखते, लेकिन एक महिला ग्राम प्रधान ने अपनी ग्राम पंचायत में वो कर दिखाया, तो अब तक कोई पुरुष प्रधान सोच तक नहीं पाया।
जी हाँ, बिसौली ब्लॉक क्षेत्र की चर्चित ग्राम पंचायत परौली की सुगरा बेगम प्रधान हैं, वे हिंदू बाहुल्य ग्राम पंचायत में रिकॉर्ड मतों से विजयी हुई थीं। अल्प समय में ही उन्होंने अपनी मेहनत के बल पर ग्राम पंचायत के मजरा अहमदगंज व नगरा में बिजली की लाइन पहुंचवा दी, साथ ही दसवां संस्कार के लिए हिन्दुओं के पास कोई अच्छी जगह नहीं थी। सुगरा बेगम ने जगह आरक्षित करते हुए वहां स्नान घर भी बनवा दिया।
ग्राम प्रधान अपने घर से ही सब कुछ संचालित करते रहे हैं, जिससे कई बार विरोधी पक्ष के लोग घर पर आने से बचते हैं, इस समस्या को महसूस करते हुए सुगरा बेगम ने पंचायत घर भी बनवा दिया। ईंट से बनी सड़क शीघ्र ही खराब हो जाती है, इसलिए सुगरा बेगम गाँव में सीसी मार्गों के निर्माण को ही प्राथमिकता दे रही हैं, जिससे आसपास के गाँवों में उनके द्वारा कराये गये विकास कार्यों का उदाहरण दिया जाने लगा है। यहाँ बता दें कि सुगरा बेगम स्वर्गीय शहंशाहवली की पत्नी हैं, वे ईओ थे और रामपुर में तैनाती के दौरान उनका आकस्मिक निधन हो गया था।
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