बदायूं जिले के ग्राम परौली, दबतोरी, न्यौली हरनाथपुर, रानेट गोविन्दपुर तथा नूरपुर पिनौनी सहित ऐसे और न जाने कितने स्थानों पर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की लापरवाई के कारण करोड़ों रूपए की लागत से बने स्वास्थ्य केन्द्रों के भवनों में उपले थोपे जा रहे हैं। असामाजिक तत्व भवन के दरवाजे, खिड़कियां, पंखे, टंकी के पाइप और बिजली का सामान चुरा ले गए, लेकिन विभागीय अधिकारी अंजान बने हुए हैं। कई स्वास्थ्य केन्द्रों पर तो स्टाफ और चिकित्सक भी तैनात हैं, लेकिन अस्पताल नहीं जाते, जिससे निजी व झोलाझाप चिकित्सकों के पास जाना ग्रामीणों की मजबूरी है।
शनिवार को आयोजित समाधान दिवस के बाद जिलाधिकारी शम्भू नाथ तथा एसएसपी सौमित्र यादव ने बिसौली-बिल्सी रोड पर स्थित ग्राम परौली के नवीन स्वास्थ्य केन्द्र का औचक निरीक्षण किया, जिसे देखते ही स्तब्ध रह गए। एसएसपी सौमित्र यादव ने जिलाधिकारी से चुटकी लेते हुए कहा कि अगर, स्वास्थ्य विभाग के लिए भवन निरर्थक है, तो पुलिस विभाग को दे दीजिये, इस पर दोनों अफसर ठहाके लगा कर हंस पड़े।
भवन का निर्माण कार्य वर्ष- 2006 में शुरू हुआ और वर्ष- 2009 में निर्माण कार्य पूरा होने के बाद आज तक उसका लाभ ग्रामीणों को नहीं मिल सका है। ग्रामीणों ने जिलाधिकारी को बताया कि इस भवन के बनने से पूर्व यहां चिकित्सक और स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी आते थे, लेकिन भवन बनने के बाद यहां कोई चिकित्सक नहीं आने से सरकार के लाखों की रकम बर्बाद हो गई। ग्रामीणों ने यह भी बताया कि उन्हें जानकारी मिली है कि कागजों में यहां चिकित्सकों और स्टाफ की भी तैनाती है, लेकिन गांव में आता कोई नहीं है। गाँव के कुछ लोगों ने जिलाधिकारी को बताया कि इसी प्रकार ग्राम दबतोरी, न्यौली हरनाथपुर, रानेट गोविन्दपुर तथा नूरपुर पिनौनी में निर्मित भवनों की भी दुर्दशा है। कितनी भूमि में चिकित्सालय और आवासीय भवन बना है, यह जानने के लिए जिलाधिकारी ने मौके पर राजस्व अभिलेखों और भूमि के नक्शे का भी अवलोकन किया। जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. आर. डी. तिवारी को निर्देश दिए कि तीन दिन के अन्दर इस प्रकार के सभी भवनों का निरीक्षण कर उस पर व्यय धनराशि और किन कारणों से भवन क्षतिग्रस्त हुआ, उसकी विस्तृत रिपोर्ट उन्हें उपलब्ध करायें, अन्यथा सीएमओ को ही जिम्मेदार मानते हुए, उनके विरूद्ध कार्रवाई तथा वसूली हेतु शासन को लिखा जाएगा। परौली स्थित चिकित्सालय की चाहरदीवारी को तोड़कर असामाजिक तत्व ईंटें तक ले गए और सम्बंधित अधिकारी अंजान बने हुए हैं, लेकिन डीएम ने मौके पर कोई तात्कालिक कार्रवाई नहीं की और न ही उपले हटाने के निर्देश दिए।
इससे पूर्व डीएम, एसएसपी ने परौली के जूनियर हाई स्कूल का भी निरीक्षण किया। बिसौली से बिल्सी रोड पर ही स्थित बीस एकड़ भूमि में बने सरकारी कृषि फार्म का भी जिलाधिकारी ने निरीक्षण किया और कहा कि तहसील क्षेत्र में चकबन्दी कार्य चलने के कारण यदि ग्राम सभा की कुछ भूमि और मिल जाती है, तो यहां कृषि विज्ञान केन्द्र बनाने हेतु भारत सरकार को प्रस्ताव भेजा जाएगा।