बदायूं जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष ब्रजेश यादव ने रिजर्व बैंक की नीतियों की कड़ी आलोचना की है। सहकारी बैंकों पर नोट बदलने और जमा करने का प्रतिबंध लगाने को उन्होंने किसान विरोधी क्रूरतम निर्णय करार दिया। उन्होंने किसान विरोधी निर्णय को तत्काल वापस लेने की मांग की है।
उल्लेखनीय है कि भारतीय रिजर्व बैंक ने संसाधनों के अभाव का हवाला देते हुए सहकारी बैंकों में बड़े नोट जमा करने और बड़े नोट बदलने का प्रतिबंध लगा दिया है, इस निर्णय को डीसीबी के चेयरमैन ब्रजेश यादव ने किसान विरोधी क्रूरतम निर्णय करार दिया है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के अधिकाँश किसान सहकारी बैंकों से संबंद्ध हैं, उनकी कृषि संबंधी आवश्यकताओं की पूर्ति सहकारी बैंक ही पूरी करते हैं। उन्होंने कहा कि नोट बंद करने के निर्णय से किसान परेशान थे, लेकिन रिजर्व बैंक के प्रतिबंध से किसान पूरी तरह बर्बाद ही हो जायेंगे। उन्होंने कहा कि अगर, किसी जिले में संसाधनों का अभाव है, अथवा अन्य कोई शिकायतें हैं, तो वहीं प्रतिबंध लगाना चाहिए था। प्रदेश भर की सहकारी बैंकों को ही प्रतिबंधित कर देना अन्याय पूर्ण निर्णय है।
ब्रजेश यादव ने कहा कि किसानों को इस समय सहकारी बैंकों की सर्वाधिक आवश्यकता है, लेकिन इस संकट की घड़ी में सहकारी बैंक किसान की मदद नहीं कर पायेंगे, तो किसान सूदखोरों के चंगुल में फंस कर आत्महत्या जैसा कदम उठाने को मजबूर होंगे, जिसके लिए रिजर्व बैंक की नीतियाँ ही पूरी तरह जिम्मेदार कही जायेंगी। उन्होंने रिजर्व बैंक के गवर्नर, वित्तमंत्री और प्रधानमंत्री से तत्काल किसान विरोधी निर्णय बदलने की मांग की है।
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