बदायूं जिले में राशन डीलर को लेकर राजनीति चरम पर है। राशन डीलर को हटवाने और चयनित कराने में राजनैतिक दखल बंद नहीं हो पा रहा है। कालाबाजारी के चलते राशन की दुकानों को लेकर लोग किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं, इसीलिए कोटेदार के चयन को लेकर बड़ा बवाल हो गया। चयन में धांधली को लेकर एक पक्ष आपत्ति करने लगा, तो दोनों पक्ष भिड़ गये और फिर जमकर मारपीट होने लगी।
घटना इस्लामनगर थाना क्षेत्र के गाँव नसरौल की है, यहाँ उपजिलाधिकारी के निर्देश पर एडीओ (पंचायत) होशियार सिंह की उपस्थिति में आज प्राथमिक विद्यालय के परिसर में कोटेदार के चयन को लेकर बैठक बुलाई गई थी। सुरक्षा व्यवस्था और शांति पूर्ण वातावरण बनाये रखने के लिए बैठक के समय पुलिस भी तैनात की गई थी। एक पक्ष के लोग एडीओ (पंचायत) होशियार सिंह पर पक्षपात का आरोप लगाने लगे, जिसको लेकर हंगामा होने लगा। हंगामे के दौरान ही लोग आपस में भिड़ गये। कहा तो यहाँ तक जा रहा है कि एडीओ (पंचायत) होशियार सिंह के साथ भी मारपीट की गई है। आक्रोशित भीड़ के सामने पुलिस असहाय नजर आ रही थी। हंगामे के चलते कोटेदार का चयन नहीं हो सका।
उल्लेखनीय है कि राशन वितरण प्रणाली पर माफिया पूरी तरह हावी हैं। सरकारें बदलती रहती हैं, जनप्रतिनिधि भी बदलते रहते हैं, लेकिन माफिया राज समाप्त नहीं होता, यह हर सरकार और हर जनप्रतिनिधि की गोद में आसानी से फिट हो जाते हैं, इसीलिए राशन कोटेदार बनने को लोग मरने और मारने को तैयार हैं। आम जनता को लगता था कि भाजपा सरकार बनने पर माफिया राज समाप्त हो जायेगा, लेकिन कुछ नहीं बदला। कई ऐसी घटनाएँ सामने आ चुकी हैं, जिनमें भाजपा नेता ही संलिप्त पाए गये हैं, जिससे भाजपा और सरकार की जमकर फजीहत हो रही है।
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