पैसे के बिना राजनीति नहीं होती, पचास हजार रोज का खर्चा है: आशुतोष

पैसे के बिना राजनीति नहीं होती, पचास हजार रोज का खर्चा है: आशुतोष

बदायूं जिले के विधान सभा क्षेत्र सहसवान के हालात भाजपा की सरकार बनते ही भयावह हो गये हैं। भाजपा के हर नेता और अधिकांश कार्यकर्ताओं ने कोटेदारों पर धावा बोल दिया है। सरकार बदलते ही प्रत्येक कोटेदार से पचास हजार रूपये की मांग की गई और जिसने नहीं दिए, उसे जेल भेजने का प्रयास किया गया, दुकान निलंबित करा दी गई, कुछेक को तो पुलिस से भी धमकवाया गया है। राशन कोटे को लेकर भाजपा नेता सुभाष गौड़ की पिटाई भी हो चुकी है, जिससे पार्टी और सरकार की बड़ी फजीहत हुई थी।

पिछले दिनों एक ऑडियो सामने आया, जिसमें गाँव कोल्हार के राशन डीलर मुकेश मौर्य और पूर्ति निरीक्षक संतोष श्रीवास्तव के बीच मोबाइल पर हुई बातचीत थी। मुकेश की दुकान निलंबित चल रही है, वह बहाल करने को फोन करता है, तभी बातचीत के बीच में कई सारी बातें सामने आती रहती हैं। मुकेश दुकान को बहाल कराने के लिए 1 लाख 10 हजार रूपये दे चुका है, तभी पूर्ति निरीक्षक संतोष रिकार्डिंग को लेकर सतर्क हो जाता है और फिर कहता है कि उसने रूपये वापस कर दिए। हालाँकि मुकेश का कहना है कि रूपये वापस नहीं किये है, पर सच मान लें, तो भी यह तो सिद्ध हो ही जाता है कि पूर्ति निरीक्षक ने रूपये लिए थे, साथ ही वह एक ओर कह रहा है कि कभी गाँव देखने तक नहीं आया, वहीं धमका भी रहा है कि हिसाब गड़बड़ होने के कारण जेल जाना पड़ सकता है, मतलब रूपये वापस मांगे, तो कार्रवाई हो सकती है।

अब एक और ऑडियो सामने आया है, जिसमें लगभग दस मिनट की बातचीत है। पूरे टाइम राशन की दुकानों को लेकर ही बातें हो रही हैं। भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ कर बुरी तरह हार चुके आशुतोष वार्ष्णेय “भोला” यहाँ तक कहते सुनाई दे रहे हैं कि कत्ल कर दो, कुछ नहीं होने दूंगा, यादवों के बारे में ऐसी टिप्पणी करते सुनाई दे रहे हैं, जैसे उन्हें जीने का भी अधिकार नहीं हैं। ऑडियो में आशुतोष वार्ष्णेय “भोला” की इस कदर गालियाँ हैं कि भाजपा के शीर्ष नेता सुन लें, तो उनके कान फट जायें। समाजवादी पार्टी से भाजपा में आये भोला की भाषा बयाँ कर रही है कि वे सत्ता सुख के लिए भाजपाई बने हुए हैं, उनके व्यक्तित्व में भाजपा समाहित नहीं हो पा रही है। हालाँकि वे यह भी कह रहे हैं कि सपा उनके 8 करोड़ रूपये खा गई, साथ ही कह रहे हैं कि उनका प्रतिदिन का खर्च 50 हजार रूपये है, जिसका आशय है कि पैदा करने ही पड़ेंगे। पूरी ऑडियो सुनने के बाद कई बातें स्वतः समझ आ जायेंगी, जो यह सिद्ध करने को काफी हैं कि सहसवान विधान सभा क्षेत्र में तालिबानी व्यवस्था चल रही है।

आशुतोष वार्ष्णेय “भोला”

यहाँ यह भी बता दें कि पिछले दिनों एसडीएम हरीराम यादव को भोला ने गेस्ट हाउस में बुलाया था, तो उन्होंने स्पष्ट मना कर दिया था, साथ ही शीर्ष अफसरों को भी अवगत करा दिया था, जिसके बाद अफसरों ने गेस्ट हाउस में भोला के बैठने पर रोक लगाने का निर्देश दे दिया था। भोला के पास गेस्ट हाउस में बैठ कर दरबार लगाने का कोई आधार नहीं है, सो एसडीएम ने तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी थी। प्रकरण भाजपा के शीर्ष पदाधिकारियों के संज्ञान में भी पहुंचा था, तो एक बड़े पदाधिकारी ने भोला को कार्य प्रणाली में सुधार लाने के निर्देश भी दे दिए थे, इस सबसे भोला की क्षेत्र में बड़ी फजीहत हो चुकी है और अंकुश नहीं लगाया गया, तो भाजपा की भी बड़ी फजीहत होने लगेगी।

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