उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले में स्थित उसहैत थाना क्षेत्र के गाँव कटरा सआदतगंज की चर्चित घटना में सीबीआई अपनी जाँच आख्या न्यायालय में 11 दिसंबर 2014 को दाखिल कर चुकी है। मीडिया से मिली खबरों के आधार पर सीबीआई की जांच पर मृतकाओं के परिजन सवाल खड़ा कर रहे हैं। न्यायालय ने सुनवाई की अगली तारीख 6 जनवरी 2015 निश्चित की है। मृतकाओं के परिजनों का पक्ष जानने के बाद न्यायालय सीबीआई की जाँच आख्या पर निर्णय करेगा। सीबीआई द्वारा दाखिल की गई जांच आख्या को लेकर अधिकांश लोग स्तब्ध हैं, इसलिए अब लोगों की नजरें न्यायालय की ओर टिक गई हैं कि न्यायालय रिपोर्ट पर क्या निर्णय लेगा।
उल्लेखनीय है कि 22 मई 2014 की रात को कटरा सआदतगंज में ऐसी दर्दनाक घटना सामने लाई गई, जिसने उत्तर प्रदेश और भारत ही नहीं, बल्कि विश्व समुदाय का ध्यान अपनी ओर खींच लिया। संयुक्त राष्ट्र संघ ने भी घटना की निंदा की थी। एक मृतका के पिता द्वारा लिखाए गये मुकदमे में आरोप लगाया गया था कि उसकी बेटी व भतीजी को दुष्कर्म कर मार दिया गया और बाद में उनके शव आम के पेड़ पर लटका दिए गये, इस घटना में तीन सगे भाई पप्पू यादव, उर्वेश यादव, अवधेश यादव और दो सिपाही सर्वेश यादव व छत्रपाल गंगवार सहित पांच लोग नामजद कराये गये थे। पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था एवं सिपाही निलंबित कर दिए गये थे, इसके बावजूद पीड़ित परिजन संतुष्ट नहीं हुए, तो उनकी मांग पर यूपी सरकार ने 8 जून को सीबीआई जांच की संस्तुति कर दी थी, जिस पर केंद्र सरकार के अनुमोदन के बाद सीबीआई ने 12 जून को मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी थी।
उक्त प्रकरण में तमाम उतार-चढ़ाव के बाद सीबीआई ने 11 दिसंबर 2014 को स्थानीय न्यायालय में अपनी जांच आख्या दाखिल कर दी है, जिस पर न्यायालय ने सुनवाई की तारीख 6 जनवरी 2015 निश्चित की है। मीडिया से मिली जानकारी के आधार पर मृतकाओं के परिजन सीबीआई की जाँच आख्या पर विरोध व्यक्त कर चुके हैं। हालाँकि अभी उन्हें जांच आख्या की प्रति नहीं मिली है। न्यायालय में सीबीआई ने 33 पेज की जाँच आख्या दाखिल की है, जो निम्नलिखित है।
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