बदायूं जिले में बुधवार को चुनाव होना है। प्रथम चरण के अंतर्गत चुनाव जिले भर में एक साथ होना है। सामान्यतः चुनावी सरगर्मियां तो जिले भर हैं, जो स्वाभाविक ही हैं, लेकिन नगर पंचायत वजीरगंज के हालात भयावह हैं, यहाँ पुलिस स्वयं पार्टी बन गई है। पुलिस-प्रशासन पर जिले भर में कहीं गंभीर आरोप नहीं लग रहे, लेकिन वजीरगंज में निर्दलीय प्रत्याशी के ससुर व जेठ को हिरासत में ले लिया गया है और शेष परिवार को घर में ही कैद कर दिया गया है, जिससे पूरा परिवार अवसाद ग्रस्त है।
वजीरगंज नगर पंचायत से चेयरमैन पद की निर्दलीय प्रत्याशी संगीता वार्ष्णेय का आरोप है कि भाजपा के विरुद्ध चुनाव लड़ने के कारण पुलिस ने उसके ससुर और जेठ को हिरासत में लेकर हवालात में बंद कर दिया है। घर के बाहर दोनों दिशाओं में पुलिस की गाड़ियाँ खड़ी कर दी हैं, जिनमें एक दर्जन से अधिक पुलिस वाले हैं, जो दोनों गाड़ियों का निरंतर हूटर बजा कर दहशत फैला रहे हैं एवं दरबाजे पर झाँकने तक नहीं दे रहे हैं। आरोप है कि पूरे परिवार को घर में ही कैद कर दिया गया है, जबकि भाजपा के लोग घर-घर जाकर मतदाताओं को अनैतिक रूप से सामान और रूपये बाँट रहे हैं।
प्रत्याशी संगीता वार्ष्णेय परिवार पर आई पुलिसिया आफत से भावुक हो गई, लेकिन उसका साहस नहीं टूटा है। संगीता ने भाजपा विधायक महेश चंद्र गुप्ता को भी संदेश दिया है कि वह उस गाँव की है, जहाँ उनकी ससुराल है, वे जबरन नहीं जीत सकते, समर्थन उसके साथ है। यह भी बता दें कि मंगलवार की शाम को संगीता वार्ष्णेय के देवर दीपेश वार्ष्णेय को भाजपा से निष्कासित किया गया था और देर रात दीपेश के पिता रामबाबू गुप्ता व तहेरे भाई प्रमोद गुप्ता को हिरासत में लेकर थाने की हवालात में बंद कर दिया। वजीरगंज के लोगों का कहना है कि इतना भयानक चुनाव उन्होंने कभी नहीं देखा।
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