मुलायम सिंह यादव के पास सिर्फ दो विकल्प हैं, वे अखिलेश यादव से कानूनी लड़ाई लड़ कर हार जायें, अथवा जंग को बंद कर अखिलेश यादव का सहयोग करें, वे दोनों विकल्पों में से क्या चुनेंगे, यह उन पर ही छोड़ कर अखिलेश लगातार आगे बढ़ रहे हैं। अखिलेश यादव ने स्वयं को राष्ट्रीय अध्यक्ष सिद्ध करने संबंधी साक्ष्य दिल्ली भिजवा दिए हैं, जो संभवतः शुक्रवार को चुनाव आयोग के समक्ष पेश कर दिए जायेंगे, वहीं उन्होंने समाजवादी पार्टी के खातों का संचालन बंद करने के लिए बैंकों को पत्र जारी कर दिया है।
सूत्रों का कहना है कि समाजवादी पार्टी के विभिन्न बैंक खातों में लगभग पांच सौ करोड़ रुपया जमा है। विवाद की स्थिति में बैंक के सामने समस्या है कि वह सही किसे माने। आपत्ति न होने पर बैंक पुराने हस्ताक्षरों को मानते रहते। अखिलेश यादव ने संबंधित बैंकों में पत्र भेज कर समाजवादी पार्टी के खातों पर रोक लगाने को कह दिया है, जिससे बैंक अब पुराने हस्ताक्षरों पर भुगतान नहीं दे सकेंगे।
उधर सूचना यह भी है कि मुलायम गुट का मनोबल पूरी तरह टूट गया है और सम्मानित तरीके से घमासान का पटाक्षेप चाहता है, लेकिन मुलायम के साथ अमर सिंह मौजूद हैं, जिससे मामला पुनः बिगड़ने की ही संभावना जताई जा रही है। सूत्रों का यह भी कहना है कि अखिलेश की शर्त के अनुसार इस बार मुलायम अमर सिंह को पार्टी से स्वयं नहीं निकालेंगे, वे अमर सिंह से ही बयान जारी करायेंगे कि शांति के लिए वह स्वयं ही अलग हुए जा रहे हैं। हालांकि अब समझौते का कोई मतलब नहीं है, क्योंकि पूरा मामला चुनाव आयोग के समक्ष है, इसलिए निर्णय अब आयोग ही करेगा। हाँ, एक गुट, अथवा दोनों गुट मिल कर आयोग में जायें, तो आयोग विचार कर सकता है।
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