बदायूं जिले की थाना वजीरगंज पुलिस बलवा जैसी वारदात को दबाये बैठी है। मुख्य अभियुक्त खुलेआम ही नहीं, बल्कि थाने में बैठ कर पुलिस वालों के साथ ही मस्ती करते नजर आ रहे हैं, लेकिन पुलिस नामजदों को भी गिरफ्तार नहीं कर रही है, जिससे पुलिस की छवि खराब हो रही है।
उल्लेखनीय है कि कस्बा वजीरगंज में 19-20 जून 2017 की रात में जमकर बवाल हुआ था। पुलिस का कहना था कि जकात के रूपयों से मस्जिद का बरामदा बनवाने के विवाद को लेकर मुस्लिम समाज के कुरैशी व अंसारी समुदाय के व्यक्तियों ने लाठी-डंडे, तमंचे व बंदूक एक-दूसरे के ऊपर जान से मारने की नीयत से चलाये। 20 जून को कुरैशी समुदाय के असलम पुत्र अली हुसैन निवासी वार्ड नंबर- 12 आंवला रोड के द्वारा अंसारी समुदाय के अब्दुल गफ्फार पुत्र मजीद उल्ला सहित 33 लोगों को नामजद करते हुए 150 अज्ञात के विरुद्ध मुकदमा अपराध संख्या- 763/2017 धारा- 147/148/149/323/504/307/452/506 आईपीसी के अंतर्गत अभियोग पंजीकृत कराया था एवं अंसारी समुदाय के अब्दुल गफ्फार पुत्र मजीद उल्ला निवासी मोहल्ला तकिया द्वारा कुरैशी समाज के काजी खां पुत्र चून्नू खां सहित 13 लोगों को नामजद करते हुए मुकदमा अपराध संख्या- 764/2017 धारा- 147/148/149/323/506/307 आईपीसी के अंतर्गत अभियोग पंजीकृत कराया गया था।
पुलिस ने 20 जून को दोनों पक्षों के 26 बवालियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। चेयरमैन उमर कुरैशी भी नामजद हैं, जिनके साथ बरती गई नरमी को लेकर उस समय ही तरह-तरह की चर्चायें की जा रही थीं। घटना के बाद वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक चन्द्रप्रकाश द्वारा क्षेत्राधिकारी बिसौली एवं थानाध्यक्ष वजीरगंज को शेष अभियुक्तों की गिरफ्तारी करने हेतु कड़े दिशा-निर्देश दिए गए थे, लेकिन अभी तक शेष नामजद गिरफ्तार नहीं किये गये हैं। अज्ञात बवालियों के भी नाम सार्वजनिक नहीं किये गये हैं। बताते हैं कि बवाल करने वाले न सिर्फ खुलेआम घूम रहे हैं, बल्कि थाने में पुलिस वालों के साथ ही बैठे नजर आते हैं, जिससे पुलिस की छवि खराब हो रही है।
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