- चिन्मयानंद का खुल कर साथ देने वाले अरुण पाराशरी के विरुद्ध अभी तक नहीं हुई कार्रवाई
अमर उजाला की प्रतिष्ठा की आड़ में बवाल करने के लिए कुख्यात हो चुके सुधाकर शर्मा को अमर उजाला ने आउट कर दिया है, जिससे उसके द्वारा सताये लोग राहत महसूस कर रहे हैं। सुधाकर के स्थान पर फ़िलहाल बदायूं कार्यालय में तैनात तरुण नाम के रिपोर्टर को ही बिसौली तहसील की रिपोर्टिंग की अतिरिक्त जिम्मेदारी दे दी गई है।
उल्लेखनीय है कि सुधाकर शर्मा जनपद बदायूं की तहसील बिसौली में संवाददाता था, लेकिन खुद को अमर उजाला का ब्यूरो चीफ बताते हुए अमर उजाला की प्रतिष्ठा का खुल कर लंबे समय से दुरूपयोग कर रहा था। पिछले दिनों अपने किसी निहाल सिंह नाम के ख़ास व्यक्ति के काम को लेकर फोन पर बिल्सी तहसील में तैनात एक लेखपाल राजेन्द्र प्रसाद को जमकर हड़काने का मामला प्रकाश में आया था। सुधाकर ने फोन पर लेखपाल और तहसीलदार को गालियाँ दीं थीं, जिसकी शिकायत अमर उजाला प्रबन्धन से की गई थी। अमर उजाला का शीर्ष नेतृत्व ख़राब छवि के लोगों को लेकर बेहद सजग रहता है, इसके बावजूद सुधाकर को हटाने में देर होने से अधिकाँश लोग स्तब्ध हैं, वहीँ अभी ऐसे कुछ और चेहरे बाकी हैं, जिनके विरुद्ध कार्रवाई होने से अमर उजाला की प्रतिष्ठा और बढ़ सकती है, जिनमें हाल ही में शाहजहाँपुर से हटाये गए अरुण पाराशरी का नाम प्रमुख तौर पर लिया जा सकता है।
बताया जाता है कि अरुण पाराशरी बलात्कार के आरोपी कुख्यात चिन्मयानंद के लॉ कॉलेज की प्रबंध समिति में उपाध्यक्ष है, जिसके चलते अरुण पाराशरी ने चिन्मयानंद का अखबार के माध्यम से ही नहीं, बल्कि पुलिस के माध्यम से भी खुल कर साथ दिया। बिसौली के सीओ विवेचक थे। अरुण पाराशरी ने सुधाकर के माध्यम से चिन्मयानंद की सेटिंग करा कर केस को कमजोर कराने का पूरा प्रयास किया, जिसकी शिकायत अमर उजाला प्रबन्धन से की जा चुकी है, लेकिन अभी तक अरुण पाराशरी को प्रबन्धन ने अमर उजाला से आउट नहीं किया है।
लेखपाल राजेन्द्र प्रसाद को फोन पर हड़काने की सुधाकर शर्मा की पूरी बात सुनने और खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें लिंक
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