- साहसी छात्रा के हवाले से पिता ने किया सनसनीखेज खुलासा
- भय के चलते मौन ही रह जाती हैं अधिकाँश शोषित लड़कियां
- मुंह खोलने पर एक लड़की को शिक्षकाओं ने बेरहमी से पीटा
कथित धर्म गुरु आसाराम गुरुकुल से महीने में एक-दो बार अनुष्ठान आदि के बहाने छात्राओं को अपने आश्रम में बुला कर यौन शोषण करता ही रहता है, उसके इस कुकृत्य में गुरुकुल की शिक्षकायें पूरा साथ देती हैं। उसकी शिकार अधिकाँश लड़कियां बहशी आसाराम के बारे में भय के चलते चर्चा तक नहीं करतीं। एक लड़की ने सहेलियों को बताया था, इसके बाद सब ने मिल कर शिक्षकाओं को आसाराम के कुकृत्य की जानकारी दी थी, तो शिक्षकाओं ने उस लड़की को बेरहमी से पीटा था, साथ ही उसके परिजनों को बुला कर गुरुकुल से भगा दिया, जिसके बाद किसी ने आसाराम के विरुद्ध मुंह नहीं खोला।
उक्त सनसनीखेज खुलासा कथित धर्म गुरु आसाराम के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराने वाली नाबालिग छात्रा के हवाले से उसके पिता ने किया है। साहसी छात्रा के हवाले से पिता ने फोन पर गौतम संदेश को बताया कि आसाराम महीने में एक-दो बार किसी न किसी बहाने से बच्चियों को गुरुकुल से अपने निवास पर बुलाते रहते हैं और उनका यौन शोषण करते रहते हैं। उन्होंने बताया कि ऐसी ही एक लड़की ने सहेलियों को आकर बताया, तो उसे बेरहमी से पीटा गया और गुरुकुल से निकाल दिया गया, जिससे लड़कियां और डर गईं। बोले- उनकी लड़की ने इस घटना के बारे में उस समय ही बता दिया होता, तो वह अपने बच्चों को गुरुकुल से निकाल लाते, पर यह सब उन्हें उनकी बेटी ने अब बताया है। बोले- आसाराम वशीकरण का प्रयोग जानते हैं और वह इंसान के रूप में बहशी जानवर है।
आसाराम का पूरे सिस्टम पर कब्ज़ा है
मेडिकल रिपोर्ट में रेप की पुष्टि न होने के सवाल पर पीड़ित के पिता ने कहा कि पूरे सिस्टम पर उसका कब्जा है। हर पार्टी में बड़े नेता उसके चेले हैं, उसके विरुद्ध कोई कुछ बोलने तक को तैयार नहीं है, ऐसे में रेप की पुष्टि न होना, तो छोटी बात है। उन्होंने यह भी कहा कि घटना 15 अगस्त की रात की है और मेडिकल कई दिनों बाद हुआ है, जिससे मेडिकल रिपोर्ट में कुछ भी स्पष्ट नहीं आना स्वाभाविक ही है।
भाई को हथियार बना कर कराना चाहते थे फैसला
आसाराम का असली चेहरा उजागर करने वाली साहसी छात्रा का छोटा भाई आश्रम में ही था, जिसके सहारे आसाराम के लोग फैसले का दबाव बना रहे थे। साहसी छात्रा के पिता ने बताया कि पहले कहा कि मेल के द्वारा प्रार्थना पत्र भेजो, तब छात्र को छोड़ेंगे, लेकिन मेल भेजने के बाद भी बेटे को नहीं भेजा, इसके बाद कहने लगे कि सामने आकर लो, तभी देंगे। उन्होंने कहा कि वह तत्काल ट्रेन में बैठ गये। बोले- तीन दिन से न ठीक से खाया है और न ही सो पाए हैं। नहाए भी नहीं हैं और कपड़े भी नहीं बदले हैं। बोले-उनका इरादा जबरन फैसला कराने का था, लेकिन वह छिंदबाड़ा स्थित गुरुकुल में पुलिस के साथ ही गए, जिससे उन पर कोई किसी तरह का दबाव नहीं बना पाया। बोले- बेटा उनके पास है और वह अब उसके साथ शाहजहांपुर लौट रहे हैं।
दुखी पिता अंतिम सांस तक लड़ने को तैयार
साहसी छात्रा के पिता ने बताया कि उनकी बेटी और बेटों का कैरियर तबाह हो चुका है, सामाजिक प्रतिष्ठा मिटटी में मिल चुकी है। दुखी मन और रुआंसी आवाज में बोले कि अब उनके बच्चों के विवाह तक नहीं होंगे, फिर भी वह आसाराम को माफ़ नहीं करेंगे और अंतिम सांस तक उसे दंड दिलाने की लड़ाई लड़ेंगे।
शर्म है कि आती ही नहीं
सब के अपने स्वार्थ हैं। कोई हिन्दू धर्म के नाम पर, तो कोई जाति के नाम पर, कोई भक्त होने के कारण, तो कोई उसके नाम के सहारे तमाम तरह के स्वार्थ पूरा करने के चलते आसाराम का बचाव कर रहा है। आसाराम और उसके अनुयायी अब तक कांग्रेस और ईसाई मिशनरियों का षड्यंत्र बता रहे थे, लेकिन उसी कांग्रेस राज़ के डाक्टर ने रेप की पुष्टि नहीं की है और मुकदमा लिखाने वाली लड़की और उसका पूरा परिवार आसाराम का ही अनन्य भक्त रहा है, ऐसे में आसाराम का बचाव करने वालों को शर्म आना चाहिए।
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