नित्यानंद और चिन्मयानंद की सूची में आसाराम भी शामिल

नित्यानंद और चिन्मयानंद की सूची में आसाराम भी शामिल
  • अपने ही गुरुकुल में पढ़ने वाली नाबालिग का किया यौन शोषण 
  • बंधक बनाने और जान से मारने की धमकी देने का भी आरोप
  • दिल्ली के कमला मार्केट थाने में मुकदमा दर्ज, विवेचना स्थानांतरित
नाबालिग से यौन शोषण करने का आरोपी धूर्त आसाराम बापू
नाबालिग से यौन शोषण करने का आरोपी धूर्त आसाराम बापू

बलात्कारियों की सूची में नित्यानंद और चिन्मयानंद के साथ आसाराम बापू का भी नाम जुड़ गया है। एक नाबालिग लड़की ने दिल्ली के कमला मार्केट स्थित थाने में आसाराम के विरुद्ध यौन शोषण और बंधक बना कर जान से मारने की धमकी देने का मुकदमा दर्ज कराया है।

आसाराम बापू के राजस्थान के छिंदवाड़ा स्थित गुरुकुल में 12वीं क्लास में पांच साल से पढ़ रही छात्रा का आरोप है कि आसाराम बापू उसे अनुष्ठान के बहाने दूसरे आश्रम में ले गए और वहां उसका यौन शोषण किया, साथ ही बंधक बना लिया और जान से मारने की धमकी भी दी। घटना स्थल जोधपुर का है, इसलिए दिल्ली पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर विवेचना के लिए मामला जोधपुर पुलिस को भेज दिया है। पीड़ित लड़की उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जनपद की मूल निवासी बताई जा रही है। सूत्रों का कहना है सूचना पर आये परिजन मेडिकल परीक्षण कराने के बाद लड़की को साथ ले गए।

लड़कियों को फांस कर अय्याशी करने वाला धूर्त चिन्मयानंद
लड़कियों को फांस कर अय्याशी करने वाला धूर्त चिन्मयानंद
लड़कियों को फांस कर अय्याशी करने वाला धूर्त नित्यानंद
लड़कियों को फांस कर अय्याशी करने वाला धूर्त नित्यानंद

उल्लेखनीय है कि धर्म और गेरुआ वस्त्रों की आड़ में यौन शोषण करने की वारदातें अब आम होती जा रही हैं। कुछ लोगों का तो यह धंधा ही बन गया है, जिनमें नित्यानंद और चिन्मयानंद का नाम काले अक्षरों में सबसे ऊपर दर्ज है, लेकिन इनके धंधे में ब्यूरोक्रेट और नेता भी पूरी तरह लिप्त रहते हैं, जिससे इन धूर्तों के विरुद्ध कार्रवाई हो पाना बेहद मुश्किल हो जाता है, साथ ही धर्म की आड़ लेकर लोगों की भावनाओं का दुरूपयोग करने वाले इन धूर्तों के साथ समाज का एक तबका खड़ा भी हो जाता है, ऐसे धूर्तों को असली सज़ा समाज ही दे सकता है, पर आस्था और श्रद्धा की आड़ में यह धूर्त फल-फूल रहे हैं, इसलिए इन धूर्तों के कुकर्मों पर पुलिस और अदालत के लिए लगाम लगा पाना कठिन काम है, लेकिन फिलहाल इस साहसी लड़की को दाद देना चाहिए। आज समाज को ऐसी ही लड़कियों की आवश्यकता है, जो शोषण के विरुद्ध खुल कर आवाज बुलंद करें। हालांकि लड़कियों की सोच बदल रही है, पर पूरे समाज की सोच बदलने की आवश्यकता है। सामाजिक सोच में जिस दिन परिवर्तन आ गया, उस दिन नित्यानंद, चिन्मयानंद और आसाराम जैसे धूर्त दुस्साहस कर ही नहीं पायेंगे।

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