बदायूं जिला अपराधियों के लिए स्वर्ग सरीखा बनता जा रहा है। बीती रात शौच को गईं चचेरी-तहेरी बहनों को उठा लिया, जिनके शव आज सुबह आम के पेड़ों पर लटके मिले हैं। शव देखते ही परिजनों के साथ समूचे इलाके के लोगों का खून उबल उठा। मौके पर सैकड़ों लोग सुबह ही जमा हो गये। पुलिस व प्रशासन के वरिष्ठ अफसर भी पहुंच गये हैं, लेकिन आक्रोशित परिजन और भीड़ सिपाहियों के विरुद्ध कार्रवाई करने को लेकर अड़ी हुई थी। भीड़ पेड़ पर लटके शव नहीं उतारने दे रही थी, जिससे आरोपी सिपाहियों सहित यादव परिवार के तीन भाइयों को नामजद करते हुए सात लोगों के विरुद्ध अपहरण और दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज हो गया है।
दिल दहला देने वाली सनसनीखेज घटना उसहैत थाना क्षेत्र के गाँव कटरा सादातगंज की है। बताते हैं कि एक मौर्य परिवार की 12 और 14 वर्ष उम्र की चचेरी-तहेरी बहनें कल मंगलवार की रात करीब 8 बजे जंगल में शौच को गई थीं और लौट कर नहीं आईं। देर तक न लौटने पर परिजनों ने खोजबीन शुरू की, तो दोनों बहनों का कहीं पता नहीं चला। परिजनों का कहना है कि वह रात में पुलिस चौकी पर गये और मदद की गुहार लगाई, पर मौके पर मौजूद सिपाही सर्वेश यादव व छत्रपाल ने उन्हें गालियाँ दीं और पीट कर भगा दिया। पुलिस से भयभीत परिजन स्वयं ही पूरी रात लडकियों को खोजते रहे, पर लड़कियों का पता नहीं चला, लेकिन सुबह गाँव के पास ही आम के पेड़ कर दोनों के शव लटके मिले।
शव देखते ही हाहाकार मच गया। परिजनों के साथ गाँव और आसपास के सैकड़ों लोगों की आँखों में खून उतर आया। बसपा विधायक सिनोद कुमार शाक्य भी पहुँच गये। घटना जातिगत लड़ाई में न बदल जाये, इस डर से प्रभारी डीएम उदय राज सिंह और पुलिस के बड़े अफसर भी मौके पर पहुँच गये, पर परिजनों ने दोषी पुलिस कर्मियों के विरुद्ध कार्रवाई न होने और मुदकमा न लिखने तक शव उतारने से मना कर दिया। हार कर प्रशासन ने आरोपी दोनों सिपाहियों को निलंबित कर दिया और उक्त सिपाहियों सहित एक यादव परिवार के तीन सगे भाइयों पप्पू, अवधेश और उर्वेश को नामजद करते हुए दो अज्ञात सहित सात लोगों के विरुद्ध अगवा करने और दुष्कर्म के बाद हत्या करने का मुकदमा दर्ज कर लिया है। पुलिस ने पंचनामा भर कर पोस्टमार्टम के लिए शव मुख्यालय भेज दिए हैं, लेकिन अभी तक शव मुख्यालय नहीं पहुंचे हैं। गाँव में पुलिस तैनात है।
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