बदायूं महोत्सव से इस बार शहर के सभ्रांत लोग किनारा कर गये हैं, जिससे महोत्सव पूरी तरह फ्लॉप हो गया है, वहीं रात मुशायरे के दौरान बवाल होने से और भी फजीहत हो रही है। महोत्सव के पंडाल में रात बवालियों का ही कब्जा रहा, जिससे सुबह तक माहौल बेहद खराब रहा और कई बार सांप्रदायिक तनाव भी नज़र आया।
बदायूं महोत्सव में रात मुशायरे का आयोजन किया गया, जिसके शुरू होने में देर होने पर लोग हंगामा करने लगे, लेकिन हंगामे को दरकिनार कर एक साहब खुद की ब्रांडिंग करने माइक पर आ गये, तो नशे में धुत लोगों ने उन्हें माइक से भागने को मजबूर कर दिया, इसके बाद मुशायरा शुरू हुआ, जिसमें एक शायर ने गुजरात दंगों पर तीखी रचनायें पढ़ीं, तो एक वर्ग विशेष के लोग उछलने लगे, वहीं दूसरे वर्ग के लोग आक्रोशित नज़र आये, इस माहौल को भांपते हुए संचालक ने संतुलन बनाने का प्रयास किया, तो फिर हंगामा शुरू हो गया, जो सुबह तक जारी रहा, जिससे महोत्सव में आने से महिलायें बच रही हैं।
उल्लेखनीय है कि मनमानी और भ्रष्टाचार को लेकर बदायूं महोत्सव की इस बार खूब फजीहत हुई है। 23 फरवरी से विभिन्न संस्थाओं के लोग धरने पर भी बैठ गये थे, जिनकी प्रशासन ने नहीं सुनी, तो धरना क्रमिक अनशन में बदल गया और कल अनशनकारी महोत्सव के सामने ही आकर बैठ गये, तो प्रशासन की चिंता बढ़ी और मनमानी व भ्रष्टाचार अगले वर्ष से रोकने का आश्वासन देकर प्रशासन ने अनशन खत्म करा दिया।
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