सपा से दो पायदान नीचे गई भाजपा, तृतीय श्रेणी कर्मचारी बना डीपीआरओ

सपा से दो पायदान नीचे गई भाजपा, तृतीय श्रेणी कर्मचारी बना डीपीआरओ
  • होना नहीं चाहिए था, पर अब तो हो गया: सीडीओ
  • जिला स्तरीय अफसर को दिया जाये कार्यभार: प्रधान संघ
शशिकांत शर्मा

बदायूं जिले में अफसर जमकर मनमानी करते नजर आ रहे हैं। अधिकारियों की मनमानी के चलते पंचायत विभाग गर्त में जा रहा है। शासनादेश को दरकिनार कर तृतीय श्रेणी कर्मचारी पंचायत निरीक्षक को जिला पंचायत राज अधिकारी का कार्यभार दे दिया गया है, जिससे विभाग में भ्रष्टाचार और लापरवाही चरम पर पहुंच गई है, इससे भाजपा सरकार की छवि खराब हो रही है, जिससे सत्ता पक्ष के विधायक भी नाराज बताये जाते हैं।

उल्लेखनीय है कि समाजवादी पार्टी की सरकार में जिला पंचायत राज अधिकारी न होने की स्थिति में खंड विकास अधिकारी राजेश कुमार यादव को अतिरिक्त कार्यभार दे दिया गया था, जिस पर भाजपा नेता उस समय कड़ी आपत्ति करते थे, लेकिन भाजपा सरकार में दो पायदान और नीचे जाकर तृतीय श्रेणी कर्मचारी पंचायत निरीक्षक शशिकांत शर्मा को जिला पंचायत राज अधिकारी का कार्यभार दे दिया गया है, जबकि स्पष्ट शासनादेश है कि जिला पंचायत राज अधिकारी न होने की दशा में जिला स्तरीय अफसर को कार्यभार दिया जायेगा, इसके अलावा अपरिहार्य परिस्थितियों में खंड विकास अधिकारी और वरिष्ठ एडीओ (पंचायत) को भी कार्यभार दिया जा सकता है। बात बदायूं जिले की करें, तो यहाँ देवेन्द्र कुमार सिंह जिला पंचायत राज अधिकारी के पद पर तैनात हैं, लेकिन वे छुट्टी पर जाने के बाद लौटे, तो मुख्य विकास अधिकारी ने उन्हें कार्यभार नहीं दिया, उनकी संस्तुति पर जिलाधिकारी ने तृतीय श्रेणी कर्मचारी शशिकांत शर्मा को जिला पंचायत राज अधिकारी का कार्यभार दे दिया, जबकि बदायूं में सहायक जिला पंचायत राज अधिकारी के पद पर दिनेश सिंह तैनात है, साथ ही उझानी ब्लॉक में तैनात एडीओ (पंचायत) रमेश चंद्र राठौर वरिष्ठता क्रम में शीर्ष पर बताये जाते हैं एवं जिले में कई खंड विकास अधिकारी हैं।

जिला पंचायत राज अधिकारी देवेन्द्र कुमार सिंह से बात की गई, तो उन्होंने कहा कि वे छुट्टी पर है, उनकी जगह शशिकांत शर्मा को कार्यभार दे दिया गया है, उन्हें अब शासन के निर्देश का इंतजार है, जो भी निर्देश होगा, उसके अनुसार वे कार्य करेंगे, वहीं मुख्य विकास अधिकारी शेषमणि पांडेय से पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि होना नहीं चाहिए था, पर अब तो हो गया। यहाँ यह भी बता दें कि शशिकांत शर्मा की तैनाती के बाद से जिले भर में पंचायत विभाग में भ्रष्टाचार बढ़ गया है, तबादलों की आड़ में उगाही करने के आरोप लगातार लग रहे हैं। शशिकांत शर्मा सालारपुर ब्लॉक क्षेत्र के गाँव बरातेगदार के मूल निवासी हैं, जिससे स्थानीय राजनीति में दखल देने के भी आरोप निरंतर लग रहे हैं, इस सबसे भाजपा सरकार की आम जनता के बीच बड़ी फजीहत हो रही है, जिससे भाजपा विधायक भी नाराज बताये जा रहे हैं, वहीं प्रधान संघ भी नाराज है। जिलाध्यक्ष धर्मेन्द्र सिंह ने कहा कि जिला स्तरीय ऐसे अफसर को कार्यभार दिया जाना चाहिए, जिसके नेतृत्व में अनुशासन रहे, कोई मनमानी और भ्रष्टाचार न कर पाये।

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