रामसेवक और कुलदीप पर पार्टी विरोधी गतिविधियों का आरोप

रामसेवक और कुलदीप पर पार्टी विरोधी गतिविधियों का आरोप
रामसेवक सिंह पटेल
रामसेवक सिंह पटेल

बदायूं जिले में भारतीय जनता पार्टी की कभी तूती बोलती थी, उस भारतीय जनता पार्टी का जनाधार स्वार्थी नेताओं के चलते शून्य के आसपास पहुंच गया, लेकिन लंबे समय के बाद रामसेवक सिंह पटेल की वापसी हुई और युवा मोर्चा की कमान कुलदीप वार्ष्णेय के हाथ में आई, तो जिले में पार्टी एक बार फिर नजर आने लगी। गाँव-गाँव कार्यकर्ता नजर आने लगे। माना जा रहा था कि आने वाले समय में भाजपा और मजबूत स्थिति में खड़ी हो सकती है, लेकिन चौंकाने वाली खबर यह है कि रामसेवक सिंह पटेल और कुलदीप वार्ष्णेय सहित तीन लोगों पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्त होने का आरोप लगा है और जिलाध्यक्ष प्रेम स्वरूप पाठक ने अपनी संस्तुति के साथ प्रदेश कमेटी को पत्र भेज कर तीनों नेताओं को निष्काषित करने की मांग की है।

कुलदीप वार्ष्णेय
कुलदीप वार्ष्णेय

उल्लेखनीय है कि पूर्व विधायक राम सेवक सिंह पटेल जमीनी नेता माने जाते हैं, साथ ही वे कट्टरपंथियों की पहली पसंद रहे हैं। उमा भारती की पार्टी से जीतने वाले वे एक मात्र विधायक थे। वरुण गाँधी के माध्यम से वे भाजपा में लौट आये, तो भाजपा का जनाधार भी एक दम बढ़ गया। इसी तरह कुलदीप वार्ष्णेय को भाजपा युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष पद का दायित्व मिला, तो उन्होंने अपने प्रयास से गाँव-गाँव भाजपा को पुनः पहुंचा दिया। भाजपा की कमेटी कागजी हैं, लेकिन युवा मोर्चा की कमेटियां जिले भर में नजर आ रही हैं। इसके अलावा कुलदीप वार्ष्णेय पिछले दिनों बदायूं विधान सभा क्षेत्र के गांवों की पैदल यात्रा पर निकले, जिससे भाजपा को बड़ा लाभ हुआ, ऐसे में इन दोनों नेताओं पर लगे आरोप किसी की समझ में नहीं आ रहे। कुलदीप वार्ष्णेय का कहना है कि उनकी लोकप्रियता से कुछ नेता चिढ़ गये हैं और ईर्ष्या के चलते उन्हें पार्टी से निकलवाना चाह रहे हैं, लेकिन प्रदेश और केन्द्रीय नेतृत्व की नजर में सब कुछ है और ऊपर तक नेताओं को पता है कि जमीन पर कौन काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि वे गंदी राजनीति का हिस्सा बनने की जगह पार्टी हित में पूरी तन्मयता के साथ कार्य करते रहेंगे और निंदा अभियान का अंग नहीं बनेंगे। बोले- लोग अभी तक एक-दूसरे की जड़ ही काटते रहे हैं, इसीलिए जिले में पार्टी की दुर्गति हो गई, लेकिन वे पार्टी को अब उस स्थिति में नहीं पहुंचने देंगे।

स्वतंत्र प्रकाश गुप्ता
स्वतंत्र प्रकाश गुप्ता

तीसरा नाम स्वतंत्र प्रकाश गुप्ता का बताया जा रहा है। पार्टी के पुराने नेताओं में से एक हैं और महामंत्री रहे हैं, लेकिन पार्टी में पुनः सक्रीयता मेनका गाँधी के चलते बढ़ी थी, पर नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष पद के उपचुनाव में इन्होंने पार्टी प्रत्याशी का खुल कर विरोध किया था, जिससे इन पर लगा आरोप सही कहा जा सकता है।

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