बदायूं का जिला सूचना कार्यालय फर्जी पत्रकारों और चमचों के चंगुल में है। हालात इतने खराब हो चले हैं कि आवश्यक बैठकों और कार्यक्रमों की सूचना भी खास चमचों को ही दी जाती है। लंबे समय से बदायूं में सहायक सूचना निदेशक और जिला सूचना अधिकारी का पद रिक्त है, जिससे कार्यालय में अफरा-तफरी का माहौल बना रहता है। दस-दस, बीस-बीस अखबारों की एजेंसी लेने वाले चमचागीरी करते रहते हैं, जिससे कार्यालय के स्टाफ का दिमाग सांतवें आसमान पर पहुँच गया है। बदायूं वीवीआईपी जिला है, ऐसे में चुनाव तक यहाँ अधिकारी की तैनाती नहीं की गई, तो यहाँ के हालात और भी खराब हो सकते हैं।
कलेक्ट्रेट स्थित सभाकक्ष में आज जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जिला स्तरीय स्थायी समिति की बैठक हुई, जिसकी सूचना ख़ास-खास लोगों को ही दी गई, इस बैठक में जिलाधिकारी ने कहा कि जिला प्रशासन पूर्णरूप से जनपद की समस्त मीडिया के साथ है। वह प्रति दिन अपने कार्यालय में बैठकर जन समस्याओं को सुनते हैं। यदि किसी मीडिया बन्धु की कोई समस्या है, तो उन्हें अवश्य बताई जा सकती है।
बैठक में पत्रकार उत्पीड़न सम्बधी कोई प्रकरण प्राप्त नहीं हुआ, परन्तु पत्रकार सुशील कुमार धींगड़ा ने पत्रकारों के लिए प्रेस क्लब बनवाए जाने की मांग की, तो समिति के सदस्य धारम सिंह तथा ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन के जनपद इकाई के अध्यक्ष/विशेष आमंत्रित सदस्य संजीव सक्सेना ने भी उनका साथ देते हुए कहा कि जनपद में एक प्रेस क्लब अवश्य होना चाहिए। जिस पर जिलाधिकारी ने कहा कि इस सम्बन्ध में उनका निरन्तर प्रयास जारी है। जिलाधिकारी ने कहा कि प्रेस क्लब हेतु जब तक कोई निश्चित जगह नहीं मिल पाती है, तब तक सूचना भवन के प्रथम तल पर अपूर्ण बने हाल का निर्माण कार्य पूर्ण कराने का भी प्रयास किया जाएगा। जिलाधिकारी ने बैठक में ही सूचना निदेशक से दूरभाष पर वार्ता कर अपूर्ण कार्य को पूरा कराने हेतु धनराशि उपलब्ध कराने का अनुरोध भी किया।
पत्रकार सदस्य रामप्रकाश शास्त्री ने रोडवेज की बसों में प्रेस मान्यता पत्रकारों हेतु आरक्षित सीट न लिखे होने की जानकारी दी, जिस पर जिलाधिकारी ने उनकी ओर से रोडवेज के आरएम एवं एआरएम को पत्र भिजवाने के लिए समिति के संयोजक सदस्य जिला सूचना अधिकारी को निर्देश दिए हैं। अन्त में जिला सूचना अधिकारी ने जिलाधिकारी एवं समिति के सदस्यों का आभार व्यक्त किया।
फर्जी पत्रकार बना समिति का विशेष सदस्य
संजीव सक्सेना को ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन जनपद इकाई का अध्यक्ष और समिति का विशेष आमंत्रित सदस्य बताया जा रहा है, लेकिन सूचना कार्यालय के प्रभारी अधिकारी अगराज खान यह नहीं बता पाये कि संजीव सक्सेना किस पत्र-पत्रिका या चैनल से जुड़े हैं। साफ़ है कि जो व्यक्ति पत्रकार ही नहीं है, वह अध्यक्ष बन गया और उसे स्थाई समिति का सदस्य भी बना लिया गया है। सूत्रों का यह भी कहना है कि संजीव सक्सेना चिट फंड कंपनी चलाता था, जिसके माध्यम से लोगों का लाखों रुपया हजम कर चुका है, इसके बाद एक दवा की कंपनी के माध्यम से भी लोगों को इसने मूर्ख बनाया, फिलहाल बिजली विभाग से संबंधित फ्रेंचाइजी में कार्यरत है और अफसरों से संबंध बनाने को लेकर फर्जी पत्रकार बना हुआ है। जिले के सूचना कार्यालय का खुला संरक्षण होने के कारण खुद को पत्रकार घोषित कराने में सफल भी हो रहा है।