- चौरासी कोसी यात्रा को लेकर चमकाने लगा है राजनीति
- नियम विरुद्ध एसएस कालेज के परिसर में की प्रेसवार्ता
- अपने ही कालेज के नाबालिग छात्रों से अपने नारे लगबाये
- बेशर्मी के साथ खुद की तरह आसाराम को भी बताया निर्दोष
चौरासी कोसी यात्रा को लेकर आज प्रदेश भर में हाई-प्रोफाइल ड्रामा हुआ। जगह-जगह संतों को नज़रबंद किया गया। इस ड्रामे के रचनाकारों में से एक दुराचार के आरोपी कथित संत चिन्मयानंद ने आज शाहजहांपुर में प्रेसवार्ता की, जिसमें मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री आजम खां और सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव को बुरी तरह कोसा। प्रेसवार्ता के तत्काल बाद स्थानीय प्रशासन ने चिन्मयानंद को अपनी निगरानी में ले लिया, लेकिन प्रशासन की ओर से ऐसा नहीं कहा गया है।
उधर चिन्मयानंद के पास जब पुलिस-प्रशासन के अधिकारी बैठे थे, तभी चिन्मयानंद की ही संस्था में पढ़ने वाले नाबालिग छात्र नारेबाजी करने लगे, जिससे कयास लगाए जा रहे हैं कि अपनी ही संस्था में पढ़ने वाले नाबालिग छात्रों से नारेबाजी कराना शातिर चिन्मयानंद की ही स्क्रिप्ट का हिस्सा रहा होगा, साथ ही सवाल यह भी उठ रहा है कि शैक्षिक संस्था के कार्यालय को धर्म विशेष के कार्य के लिए प्रयोग क्यूं किया गया, मुमुक्षु आश्रम में संचालित शैक्षिक संस्थायें सिर्फ हिन्दुओं के लिए ही हैं, तो यहाँ अन्य धर्मों के छात्रों के एडमिशन ही क्यूं लिए जाते हैं? इस प्रश्न का जवाब चिन्मयानंद तो नहीं देंगे, लेकिन यह सच्चाई अधिकाँश लोग जानते हैं कि उसके पास आसाराम की तरह चेलों की भीड़ नहीं हैं, इसीलिए अपने कालेज के शिक्षकों-कर्मचारियों और नाबालिग छात्रों की भीड़ को समर्थकों के रूप में दिखा कर अपना कद बढ़ाने की नीयत से एसएस कालेज के कार्यालय में पूर्व नियोजित चाल के तहत प्रेसवार्ता की गई।
असलियत में राजनैतिक स्तर पर शून्य हो चुके चिन्मयानंद ने अपने ही जैसे हाशिये पर जा चुके कुछ लोगों को साथ लेकर उत्तर प्रदेश में धार्मिक भावनाएं भड़का कर अपनी खो चुकी प्रतिष्ठा को पुनः हासिल करने का एक असफल प्रयास किया है, पर अब लोग जागरूक हो गए हैं और ऐसे षड्यंत्रों में फंसने की संभावना कम ही है।
प्रेसवार्ता के दौरान पत्रकारों ने दुराचार के आरोपी कथित संत चिन्मयानंद से कथित धर्म गुरु आसाराम के कुकृत्य को लेकर सवाल किया, तो दुराचार के आरोपी चिन्मयानंद ने बेशर्मी के साथ कहा कि आरोप मुझ पर भी तो लगा है, जबकि चिन्मयानंद पुलिस जांच में आरोपी सिद्ध हो चुका है, साथ ही स्थानीय पत्रकार कथित संत चिन्मयानंद के चरित्र से भली-भांति परिचित भी हैं, इसके बावजूद चिन्मयानंद के चेहरे पर शर्म की एक लकीर तक नहीं थी। चिन्मयानंद ने खुद की ही तरह आसाराम को भी निर्दोष बताया, जिससे शाहजहांपुर के लोगों में रोष व्याप्त है, क्योंकि आसाराम के कुकर्म की शिकार पीड़ित नाबालिग लड़की शाहजहांपुर की ही निवासी है और एक सभ्रांत परिवार की बेटी है।
चिन्मयानंद से संबंधित अन्य ख़बरें पढ़ने के लिए क्लिक करें लिंक