बदायूं में सड़क, स्कूल, अस्पताल सहित अन्य तमाम जरूरी कार्यों की पूर्ति के लिए करोड़ों रूपये की आवश्यकता है, ऐसे में सांसद निधि से ऐशो-आराम के सामान खरीदे जा रहे हैं। इससे भी बड़े आश्चर्य की बात यह है कि सांसद निधि में हो रही मनमानी की सीधी जानकारी डीएम को है, इसके बावजूद घपला लगातार जारी है, जिससे डीएम की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाये जा रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि सांसद निधि का रख-रखाव जिला ग्राम्य विकास अभिकरण द्वारा किया जाता है, जिस पर सीडीओ और डीएम की सीधी नज़र रहती है, इसके बावजूद परियोजना निदेशक राम रक्षपाल सिंह यादव ने सांसद निधि से करीब साढ़े तीन लाख रूपये लग्जरी चीजों पर खर्च कर दिए। सूत्रों का कहना है कि उनके व सीडीओ के कार्यालय में एसी लगे हुए थे, फिर भी नये एसी खरीद लिए और लगवा भी लिए, साथ ही सीडीओ ऑफिस में 1887 रूपये प्रति मीटर की दर के महंगे पर्दे खरीदे गये हैं। कुल पर्दे 25 मीटर लगते हैं, लेकिन बरेली की अशोका फोम फर्म ने 35 मीटर पर्दों का करीब 89000 रूपये का बिल भेजा है। इसी तरह करीब 27000 रूपये कीमत के एसी के बिल 38000 रूपये के बताये जा रहे हैं। दो कंप्यूटर भी खरीदे गये हैं, जो 57000 रूपये की कीमत के हैं, पर बिल प्रति कंप्यूटर 80,000 रूपये का भेजा गया है। जाहिर है कि कमीशनखोरी का खेल खेला जा रहा है, जबकि एसी, पर्दे और कंप्यूटर की आवश्यकता तक नहीं थी, साथ ही अफसरों ने अपने बचने का इंतजाम भी कर लिया है। बिल में एसी और कंप्यूटर के मॉडल और सीरियल नंबर तक नहीं डाले गये हैं।
सूत्रों का कहना है कि पीडी और डीएम की संलिप्तता के चलते घपला हुआ है। हालांकि अभी तक पेमेंट नहीं किया गया है। डीएम का तबादला भी हो चुका है। पेमेंट नये डीएम के कार्यकाल में होगा, तो पिछले डीएम की कार्य गुजारियाँ ढक जायेंगी, लेकिन उच्च स्तरीय जांच हो गई, तो पीडी और नये डीएम कार्रवाई से बच नहीं पायेंगे, साथ ही कार्रवाई नहीं हुई, तो ऐसे ही घपले आगे भी होते रहे हैं और जनता विकास के लिए यूं ही जनप्रतिनिधियों की ओर निहारती रहेगी। विकास न होने पर जनप्रतिनिधियों को कोसती भी रहेगी। बता दें कि बदायूं लोकसभा क्षेत्र से सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव के भतीजे और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के अनुज धर्मेन्द्र यादव सांसद हैं और उनकी निधि के साथ ऐसा खेल खेला जा रहा है, तो विधायक निधि के साथ क्या-क्या होता होगा, इसका अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है।
सफाई कर्मी को साथ ले गये, छुट्टी पर गये पीडी
परियोजना निदेशक रामरक्ष पाल सिंह यादव तीन दिन की छुट्टी गये हैं, पर अपने साथ सफाई कर्मचारी को भी ले गये हैं। सूत्रों का कहना है कि सफाई कर्मी गाड़ी चलाना जानता है, इसलिए उसे पीडी बतौर ड्राइवर अपने साथ रखते हैं और अपने कार्यालय से भी संबंद्ध करा लिया है। दबंग पीडी की मनमानी को रोकने का साहस किसी में नहीं है।