बदायूं महोत्सव का आयोजन चंदे के नाम पर अवैध रूप से की गई वसूली से ही हो रहा है और उसका भी कोई लेखा-जोखा नहीं है। इससे भी बड़े आश्चर्य की बात यह है कि महोत्सव में खुलेआम बिजली चोरी कर राज्य को राजस्व की भारी हानि पहुंचाई जा रही है और किसी को कोई आपत्ति भी नहीं है। नियमानुसार तीन दिनों के लिए विधिवत कनेक्शन होना चाहिए था।
बदायूं क्लब के प्रांगण में चल रहे समारोह में साउंड और रोशनी की व्यवस्था के लिए फंड का प्रावधान है। आयोजक बिल-बाउचर भी डालेंगे, जबकि बिजली खुलेआम कटिया डाल कर अवैध रूप से उपयोग की जा रही है। बड़े-बड़े नेताओं के साथ जनपद के वरिष्ठ अधिकारी हर समय समारोह में आते-जाते रहते हैं, लेकिन राजस्व की हानि की ओर किसी का ध्यान तक नहीं गया या फिर सब जानबूझ कर नज़र अंदाज़ कर रहे हैं। राह चलते लोग यही सवाल कर रहे हैं कि अगर किसी ने शादी समारोह में ऐसे कटिया डाल ली होती, तो अब तक उस पर जुर्माना पड़ गया होता या मुकदमा लिख गया होता, लेकिन यहाँ कोई पूछने वाला तक नहीं है। महोत्सव के आयोजन में धन की लूट हमेशा ही होती रही है, लेकिन इस बार वसूली और अनियमितताओं के पिछले रिकॉर्ड ध्वस्त हो गये हैं।