बदायूं के महिला अस्पताल में तैनात डॉक्टर हाकिम सिंह कानूनी शिकंजे में फंस सकते हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पर की गई धार्मिक टिप्पणी का समर्थन करने के कारण उनके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई हो सकती है। हाकिम सिंह के विरुद्ध तहरीर दे दी गई है, जिसकी पुलिस जांच कर रही है।
सरकारी सेवा में कार्यरत व्यक्ति को सरकार, जनप्रतिनिधियों, राजनैतिक दलों, जाति और धर्म संबंधी टीका-टिप्पणियों से स्वयं को दूर रखना चाहिए, यह सेवा नियमावली की प्रमुख शर्त भी है। वेतनभोगी कर्मी के आम नागरिक जितने अधिकार नहीं बचते, उसे चाह कर भी टीका-टिप्पणी नहीं करनी चाहिए, पर सोशल साइट्स के इफेक्ट से हाकिम सिंह स्वयं को दूर नहीं रख पाये। विपरीत विचारधारा के हिंदू और मुस्लिम यूजर द्वारा मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी का फोटो शेयर करते हुए धार्मिक टिप्पणी की गई है, जिसे हाकिम सिंह द्वारा अपनी वॉल पर शेयर किया गया है, इस पर कुछेक लोगों ने न सिर्फ आपत्ति की, बल्कि हाकिम सिंह के विरुद्ध सदर कोतवाली में तहरीर भी दे दी, जिस पर पुलिस जाँच कर रही है। हालाँकि भनक लगने पर हाकिम सिंह ने फेसबुक पर माफी भी मांग ली है, पर विवादित पोस्ट अभी डिलीट नहीं की गई हैं।
दलित वर्ग के डॉक्टर हाकिम सिंह की वॉल देखने पर पता चला कि वे राजनैतिक रंग में पूरी तरह रंगे हुए हैं। हाकिम सिंह भाजपा के विरुद्ध खोज कर पोस्ट शेयर करते हैं एवं बसपा सुप्रीमो मायावती का समर्थन करने वाली पोस्ट को बढ़ावा देते नजर आते हैं, वे ईवीएम हटाओ आंदोलन का भी समर्थन जोर-शोर से करते नजर आ रहे हैं, ऐसे में वे सेवा नियमावली का उल्लंघन करने के दोषी तो दिख ही रहे हैं।
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