बदायूं जिले में पोषण मिशन के तहत आयोजित वज़न दिवस पर जिलाधिकारी शम्भूनाथ ने सोमवार को ग्राम पड़ौआ स्थित दो आंगनबाड़ी केन्द्रों का निरीक्षण कर वज़न दिवस का जायजा लिया। केन्द्र पर क्षेत्रीय लेखपाल और ग्राम पंचायत सचिव एवं कोटेदार नदारद मिले, साथ ही सेक्टर प्रभारी ने 12 बजे तक केन्द्र का एक बार भी निरीक्षण नहीं किया था। जिलाधिकारी ने लेखपाल, पंचायत सचिव, कोटेदार तथा सेक्टर प्रभारी के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
जिलाधिकारी ने मध्यान्ह 12 बजे ग्राम पड़ौआ पहुंचकर वजन दिवस का जायज़ा लिया और अपने सम्मुख कई बच्चों का वज़न कराया। वजन लेने की गुणवत्ता को परखने हेतु एक-दो ऐसे बच्चों को बुलाकर वजन कराया, जो अपना वजन करा चुके थे। उन्होंने अभिलेखों की जांच पड़ताल करने के बाद आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों से शून्य से पांच वर्ष तक के चिन्हित बच्चों के सम्बन्ध में जानकारी हासिल की, तो एक केन्द्र पर 149 बच्चों में 46 बच्चों का वज़न किया जा चुका था, जिसमें तीन बच्चे अति कुपोषित, 12 बच्चे कुपोषित, शेष बच्चे सामान्य श्रेणी के पाए गए। उक्त गाँव के दूसरे केन्द्र पर 132 बच्चों में 60 बच्चों का 12 बजे तक वजन किया जा चुका था, जिसमें अति कुपोषित तो कोई नहीं मिला, लेकिन 13 बच्चे कुपोषित तथा शेष सामान्य पाए गए। जिलाधिकारी ने चिन्हित सभी बच्चों का वज़न दिवस के ही दिन वज़न लेने के निर्देश देते हुए कहा कि यदि किसी कारण कोई बच्चा केन्द्र पर नहीं आए, तो उसका घर-घर जाकर वज़न लिया जाए। जिलाधिकारी ने अनुपस्थित कर्मियों के विरूद्ध कठोर कार्रवाई कराने को कहा है।
तत्पश्चात जिलाधिकारी ने ग्राम गभियाई के आंगनबाड़ी पर पहुंचकर तैयारियों का जायज़ा लिया। उन्होंने आंगनबाड़ी केन्द्र के सामने खड़ी जंगली घास की सफाई न कराने पर कड़ी नाराज़गी जताई और हिदायत दी कि तत्काल साफ सफाई कराई जाए, दस सितम्बर को इस केन्द्र पर वज़न दिवस के तहत शत-प्रतिशत बच्चों का वज़न लिया जाएगा। आंगनबाड़ी केन्द्र पर आंगनबाड़ी और उनकी सहायिकाएं मौजूद थीं।
जिलाधिकारी ने पोषण मिशन के तहत वज़न दिवस को सफल बनाने हेतु लगाए गए सभी अधिकारियों, कर्मचारियों को कड़े निर्देश देते हुए कहा है कि जिस अधिकारी कर्मचारी को जिस स्थान पर लगाया गया है और वह अपनी डयूटी वाले स्थान पर मौजूद नहीं पाया जाता है, तो उसके विरूद्ध कठोर कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।