बदायूं जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक चन्द्रप्रकाश के तबादले की फर्जी खबर प्रकाशित करने वालों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करा दिया गया है। मनगढ़ंत खबर से पुलिस विभाग और जिले भर में असमंजस की स्थिति उत्पन्न हो गई थी। तबादले की फर्जी खबर फैलने से अविश्वास की भी स्थिति उत्पन्न हो गई थी, जिससे बड़ा नुकसान हो सकता था।
बताते हैं कि सुशील धींगडा और गोविंद देवल नाम के व्यक्तियों ने एक बेवसाईट पर “एसएसपी का चन्द्रप्रकाश मुरादाबाद तबादला” शीर्षक से खबर प्रकाशित की, जिसमें यह भी लिखा गया कि एसएसपी चन्द्रप्रकाश यहाँ के नेताओं से आहत हैं, साथ ही खबर को अपुष्ट भी बताया गया, इस खबर को वाट्सएप और फेसबुक पर शेयर किया गया। खबर के वायरल होते ही पुलिस विभाग और जिले भर के लोगों में असमंजस की स्थिति उत्पन्न हो गई। फर्जी खबर से उत्पन्न हुए अविश्वास के चलते बड़ा नुकसान भी हो सकता था, इसलिए पुलिस ने मनगढ़ंत खबर को गंभीरता से लिया है।
बताते हैं कि बीती रात शेखूपुर पुलिस चौकी के प्रभारी जितेन्द्र सिंह द्वारा सुशील धींगडा और गोविंद देवल नाम के व्यक्तियों के विरुद्ध 66 आईटी एक्ट एवं धारा- 463, 465 और 469 आईपीसी के अंतर्गत मुकदमा दर्ज कराया गया है, जिसकी विवेचना एसओ सिविल लाइन आरके शर्मा कर रहे हैं। यह भी बता दें कि एसएसपी चन्द्रप्रकाश की कार्यप्रणाली और व्यवहार से आम जनता और पुलिस कर्मी न सिर्फ खुश हैं, बल्कि उनकी प्रशंसा करते भी देखे जा सकते हैं, जिससे फर्जी खबर ने एक बड़े वर्ग को आहत कर दिया, इस घटना से मीडिया कर्मियों को सबक भी लेना चाहिए। कमेंट, लाइक, शेयर और टीआरपी के लिए फर्जी ब्रेकिंग न्यूज से बचना चाहिए। फर्जी ब्रेकिंग की तुलना में पुष्ट स्लो न्यूज बेहतर मानी जायेगी। फर्जी ब्रेकिंग के चलते संपूर्ण मीडिया की विश्वसनीयता पर ही प्रश्न चिन्ह लग जाता है, इसलिए इससे अब सभी को परहेज करना चाहिए, क्योंकि इससे स्वयं एसएसपी ही प्रभावित हो गये, तो आम जनता के साथ तो कुछ भी किया जाता होगा।
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