नदियों, झीलों को पुनर्जीवित करने का अभियान चलायें

नदियों, झीलों को पुनर्जीवित करने का अभियान चलायें
लखनऊ जनपद के ग्राम बराखेमपुर में खुदाई कार्य का शुभारम्भ करते मुख्य सचिव आलोक रंजन।
लखनऊ जनपद के ग्राम बराखेमपुर में खुदाई कार्य का शुभारम्भ करते मुख्य सचिव आलोक रंजन।

उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव आलोक रंजन ने कहा है कि प्रदेश में नदियों, झीलों को पुनर्जीवित किये जाने हेतु अभियान चलाया जाये। उन्होंने कहा कि वर्षा ऋतु का पानी संचय करने हेतु गांवों में तालाबों एवं पोखरों की खुदाई अभियान चलाकर करायी जाये। उन्होंने कहा कि जनपद महोबा की चंद्रावल नदी तथा जनपद झांसी की लखेरी नदी की खुदाई कर उसे पुनर्जीवित कराने हेतु आवश्यक निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि प्रथम चरण में एक हेक्टेयर से कम क्षेत्रफल वाले तालाबों को चिन्हित कर श्रमिकों के माध्यम से मनरेगा योजना के अन्तर्गत खुदाई का कार्य कराया जाये। उन्होंने कहा कि लखनऊ जनपद के प्रत्येक ग्राम पंचायत में तालाब खुदवाने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने बताया कि लखनऊ जनपद में 500 तालाबों को चिन्हित कर खुदाई का कार्य प्रारम्भ कराया जा रहा है, जिनमें से प्रत्येक तालाब का प्रतिदिन 100 मजदूर कार्य करने के फलस्वरूप लगभग प्रतिदिन 50 हजार व्यक्तियों को रोजगार मिलेगा।
मुख्य सचिव आज लखनऊ जनपद के बख्शी का तालाब के ग्राम बराखेमपुर में मुख्यमंत्री जल बचाओ अभियान के तहत तालाब की खुदाई कार्य का शुभारम्भ कर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि ग्राम स्तर पर ग्रामवासियों के सहयोग से अभियान चलाया जाये, जिससे कि वर्षा के जल का संचय गांवों में हो। उन्होंने कहा कि गांवों में जल संचय होने से जल स्तर नीचे न जाने के कारण हैण्डपम्प एवं कुँए आदि के सूखने की संभावनायें कम हो जायेंगी। उन्होंने कहा कि जल संचय अभियान को ग्राम स्तर पर व्यापक रूप से चलाकर अतिदोहित होने वाले विकास खण्डों की बढ़ती हुई संख्या को रोका जा सकता है।
श्री रंजन ने यह भी बताया कि नदियाँ, जलाशय और झीलें जीवन का आधार हैं तथा जल के बिना जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती। अतः प्राचीन जलस्रोतों को पुनर्जीवित करना और राष्ट्रीय महत्व के कार्य में यथाशक्ति सहयोग प्रदान करना हर नागरिक का कर्तव्य हैं। उन्होंने बताया कि फतेहपुर जिले की प्राचीन ससुर खदेरी नदी, जो कौशाम्बी जिले से प्रवाहित होकर इलाहाबाद जिले में यमुना में मिलती थी, कई वर्षों पूर्व विलुप्त हो गई थी, इसकी खुदाई करके कंचन वर्मा तत्कालीन जिलाधिकारी फतेहपुर (सम्प्रति विशेष सचिव, औद्योगिक विकास के पद पर कार्यरत) ने इस नदी को लगभग 30 कि0मी0 लम्बाई तक खुदाई कराकर पुनर्जीवित किया और आज यह भी पूर्ववत् प्रवाहित हो रही है। कंचन वर्मा को उनके उपर्युक्त विशिष्ट योगदान हेतु प्रधानमंत्री जी द्वारा पुरस्कृत भी किया गया।
मुख्य सचिव ने पूर्व मंत्री भगवती सिंह द्वारा ध्यानाकृष्ट किये जाने पर रेठ नदी, जो बाराबंकी जिले में गोमती नदी से मिलती है, को तथा मंडौली झील को उसके स्वरूप में लाये जाने तथा सौन्दर्यीकरण किये जाने हेतु निर्देशित किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश के समस्त जनपदों में तालाबों, झीलों एवं जलस्रोतों को उनके पूर्व स्वरूप में प्रतिष्ठित कर जलसंचयन एवं जल संरक्षण का कार्य व्यापक पैमाने पर चलाने हेतु प्रदेश सरकार कृतसंकल्प है। इसके साथ ही उन्होंने शौचालयों का निर्माण एवं प्रयोग प्रत्येक गांव में घर-घर में किये जाने पर बल दिया तथा नृत्य नाटिका के माध्यम से जल संरक्षण, सफाई और शौचालयों की उपयोगिता के विषय में जागरूकता उत्पन्न करने हेतु संचार सहयोग सोसाइटी, लखीमपुर के कलाकारों को हार्दिक बधाई भी दी।
मुख्य सचिव ने यह भी निर्देश दिये कि तालाब खुदाई के कार्य में लगे श्रमिकों से पूर्वान्ह 06.00 से 10.00 एवं अपरान्ह 04.00 से 08.00 ही खुदाई का कार्य कराकर उनकी मजदूरी का भुगतान प्रत्येक दशा में एक सप्ताह के अन्दर उनके खाते में अवश्य पहुंचा दिया जाये। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जल बचाओ अभियान कार्यक्रम में अच्छा कार्य करने वाले अधिकारियों/कर्मचारियों एवं ग्राम प्रधानों तथा बेहतर श्रमिकों को सम्मानित भी किया जाये। मुख्य सचिव ने तालाबों को चिन्हित कर अतिक्रमण शीघ्र हटवाने हेतु प्रशासनिक अधिकारियों को कड़े निर्देश दिये।
कार्यक्रम में जिलाधिकारी लखनऊ राजशेखर ने बताया कि मुख्यमंत्री जल बचाओ अभियान के अन्तर्गत लखनऊ जनपद में 500 तालाबों को चिन्हित कर खुदाई का कार्य कराया जा रहा है। प्रति तालाब औसतन 100 मनरेगा जाॅब कार्ड धारकों को कार्य पर लगाया जायेगा, जिससे 50 हजार श्रमिकों को मनरेगा योजना के अन्तर्गत कार्य दिया जायेगा। उन्होंने बताया कि इस अभियान में लखनऊ जनपद में कुल लगभग 16.27 करोड़ रुपये व्यय करके 9.56 लाख मानव दिवस सृजित करना संभावित है। उन्होंने बताया कि लगभग 203.84 हेक्टेयर के क्षेत्र में तालाबों की खुदाई हो जाने के फलस्वरूप प्रतिवर्ष लगभग 21872 लाख लीटर अतिरिक्त जल संग्रह का कार्य एवं लगभग 7381.80 लाख लीटर अतिरिक्त भू-जल रिचार्ज होगा।
कार्यक्रम में पूर्व मंत्री भगवती सिंह, प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास अरुण सिंघल, आयुक्त ग्राम्य विकास कामरान रिज़वी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने अपने विचार व्यक्त कर मुख्यमंत्री जल बचाओ अभियान के कार्यों पर प्रकाश डाला।

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