उत्तर प्रदेश सरकार और प्रशासन पर आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप भाजपा प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेई लगा चुके हैं, इसके बावजूद शासन-प्रशासन पर कोई असर नहीं है। आचार संहिता की धज्जियाँ उड़ाने की तैयारी अब बदायूं जिले में चल रही है। लोकतंत्र के सबसे महत्वपूर्ण कार्य चुनाव में दायित्वों का गंभीरता पूर्वक निर्वहन करने की जगह बदायूं का जिला प्रशासन राजकीय मेडिकल कॉलेज की ओपीडी के उदघाटन कराने की तैयारियों में जुटा नजर आ रहा है, जबकि विपक्षी दलों के के स्थानीय नेता लगातार विरोध जता रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि उझानी मार्ग पर स्थित राजकीय मेडिकल कॉलेज के बाह्य रोगी विभाग (ओपीडी) का 20 अक्टूबर दिन मंगलवार को उद्घाटन होना निश्चित है, जिसकी तैयारियों में जिला प्रशासन जुटा नजर आ रहा है। समारोह को भव्यता प्रदान करने के उद्देश्य से जिला प्रशासन के वरिष्ठ अफसरों को मौखिक रूप से जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं। मीडिया सवाल न करे, इसके लिए एक वरिष्ठ अफसर ने चुनिंदा मीडिया संस्थानों को बड़े पैमाने पर दबाव बना कर विज्ञापन जारी कराये हैं, जिससे मीडिया संस्थान मूकदर्शक बने हुए हैं, जबकि बदायूं जिले के हालात भयावह हैं। पंचायत चुनाव को लेकर गाँव-गाँव गुटबाजी चरम पर है, जिससे किसी भी समय बड़ी घटना घटित होने की आंशका बनी रहती है, साथ ही कुछ धनाढ्य और दबंग किस्म के प्रत्याशी चुनाव जीतने के उद्देश्य से हर अनैतिक कार्य करते नजर आ रहे हैं। खुलेआम शराब और रूपये बांटने की सूचनायें आ रही हैं, जिस पर जिला प्रशासन अंकुश लगाने की जगह ओपीडी के उदघाटन और भव्य कार्यक्रम कराने की तैयारियों में जुटा नजर आ रहा है। जिला प्रशासन के अफसरों की लापरवाही की सूचना अगर चुनाव आयोग तक पहुंच गई, तो चुनाव में गंभीरता पूर्वक दायित्व का निर्वहन न करने वाले अफसरों के विरुद्ध कार्रवाई होना तय माना जा रहा है।
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