बदायूं जिले में चारों ओर अव्यवस्थायें ही नजर आ रही हैं। स्वास्थ्य और शिक्षा का बुरा हाल है। विकास कार्यों में भी जमकर मनमानी की जा रही है, वहीं अपराधों का ग्राफ निरंतर आसमान की ओर बढ़ रहा है। लापरवाही का आलम यह है कि शहर के प्राथमिक विद्यालय में ही आग लग गई है, लेकिन सूचना के बावजूद कोई मौका मुआयना करने को भी तैयार नहीं है।
आरिफ नबादा कागजों में स्वतंत्र गाँव है, लेकिन यथार्थ में अब शहर का ही एक मोहल्ला हो गया है, यहाँ स्थित प्राथमिक विद्यालय में लगभग 8 बजे आग लग गई। बंद कमरों से बाहर आती लपटें लोगों ने देखीं, तो कई जिम्मेदार लोगों को फोन किया गया। कुछेक का फोन बंद था, पर जिनसे बात हो गई, वे भी मौके पर नहीं पहुंचे। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि यूपी- 100 को भी फोन किया गया, पुलिस आई भी, पर पुलिस मौका देख कर चली गई, फायर बिग्रेड को नहीं बुलवाया। बताया जा रहा है कि शहर से सटे स्कूल में भोजन लकड़ियों से पकाया जाता है, कोई लकड़ी पूरी तरह नहीं बुझी होगी, जिसने आग का विकराल रूप धारण कर लिया, वहीं कुछ लोग यह भी आशंका जता रहे हैं कि घोटाले को दबाने के लिए जान कर आग लगाई गई है।
खैर, आग लगने के कारणों का खुलासा जाँच के बाद ही हो सकेगा, लेकिन हाल-फिलहाल इतना तो स्पष्ट है ही कि शिक्षकों की लापरवाही के चलते ही आग लगी है। यहाँ यह भी बता दें कि जिले भर में लापरवाही चरम पर है। आज ही नोडल अफसर को बिल्सी के अस्पताल में शौचालय बंद मिले, साथ ही रविवार को जिला महिला अस्पताल की डॉक्टर नदारद थी, जिसके विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया गया है, ऐसा ही हाल शिक्षा विभाग का हो गया है।
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