बदायूं विधान सभा क्षेत्र के हाल ही में सपा से निष्कासित किये गये विधायक आबिद रजा स्वयं को नैतिकता के मार्ग पर चलने वाला आदर्शवादी व्यक्ति बता रहे हैं, लेकिन उनके क्षेत्र की कोतवाली सदर में ही टंगा बोर्ड उन्हें आज भी दुराचारियों की सूची में 70वें नंबर पर दर्शा रहा है। सूत्रों का कहना है कि आबिद रजा ने पुलिस पर दबाव बना कर संभ्रांत नागरिकों की सूची तैयार कराई थी, जिसमें सबसे ऊपर आबिद रजा का ही नाम दर्ज था, लेकिन वह बोर्ड सदर कोतवाली से अचानक गायब हो गया है।
सूत्रों का कहना है कि सपा सरकार बनते ही आबिद रजा सदर कोतवाली का निरीक्षण करने गये थे और उसी दिन उन्होंने कोतवाली में सभ्रांत नागरिकों की सूची बनवा कर टांगने का आदेश दिया था। उस समय के कोतवाल ने सूची में सबसे ऊपर आबिद रजा का नाम लिखवा कर बोर्ड कोतवाली में टंगवा दिया था, वह बोर्ड पुलिस द्वारा अब हटा दिया गया है, लेकिन क्षेत्र के प्रचलित दुराचारियों की सूची वाला बोर्ड अब भी कोतवाली में टंगा नजर आ रहा है, जिसमें 70 नंबर पर आबिद रजा का नाम दर्ज है।
पुलिस की दुराचारियों की सूची में उनका नाम आज भी स्पष्ट नजर आ रहा है, इसके बावजूद आबिद रजा स्वयं को नैतिकता के मार्ग पर चलने वाला आदर्शवादी व्यक्ति घोषित करने के प्रयास में जुटे हुए हैं। बता दें कि आबिद रजा की 24 जुलाई 2007 को पुलिस के द्वारा हिस्ट्रीशीट खोली गई थी, उसी के आधार पर उनका नाम सूची में दर्ज है।